Parliament Special Session: केंद्र सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session) कॉल करने पर शिवसेना (यूबीटी) की प्रतिक्रिया सामने आई है. संसद के विशेष सत्र को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि, 'आज देश किसानों के मुद्दों, बढ़ती बेरोजगारी, चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा है. अगर विशेष सत्र इन सभी मुद्दों पर चर्चा करेगा तो इसका स्वागत है.'
वहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि, 'संसद के विशेष सत्र का इस्तेमाल अगर इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया जाएगा तो इससे पता चलता है कि बीजेपी घबरा गई है. मैं उनसे (केंद्र सरकार) पूछना चाहता हूं कि महंगाई, भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोजगारी, महिला आरक्षण पर समिति कब बनेगी.'
18 से 22 सितंबर तक चलेगा विशेष सत्र
केंद्र की मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. ये सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. बताया जा रहा है कि इसमें 5 बैठकें होंगी. ये 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261 वां सत्र होगा. अमृत काल के बीच संसद के विशेष सत्र में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है. दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 85 (Article 85) में संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है. इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुलाने का अधिकार है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति निर्णय लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके जरिए सांसदों (संसद सदस्यों) को एक सत्र में बुलाया जाता है. इससे पहले 20 जुलाई से 11 अगस्त तक संसद का मॉनसून सत्र चला था. सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर जमकर हंगामा हुआ था.
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