Maharashtra News: नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. मोदी सरकार 3.0 में महाराष्ट्र के कई सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इन सांसदों में नितिन गडकरी, रामदास अठावले, मुरलीधर मोहोल, पीयूष गोयल, रक्षा खडसे और शिवसेना शिंदे गुट के सांसद प्रतापराव जाधव का नाम शामिल हैं. लेकिन, पीएम मोदी के मंत्रीमंडल में अजित पवार की पार्टी एनसीपी से किसी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया है. इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या अजित पवार पर बीजेपी की निर्भरता नहीं रहीं.


अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों को कोई फायदा नहीं हुआ. अजीत पवार का गुट सिर्फ एक ही सीट जीत पाया. अब मोदी कैबिनेट में अजीत पवार गुट को जगह नहीं मिलने से बड़ी सियासी उठापटक मचती दिखाई दे रही है. 


अजित पवार गुट की कैबिनेट मंत्रालय की मांग
वहीं दूसरी तरफ इसके पीछे एक वजह ये भी बताई जा रही है कि मंत्री पद के लिए अजित पवार की पार्टी एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे आपस में भिड़ गए, जिसको लेकर बीजेपी की तरफ से कहा गया कि वे पहले अपनी पार्टी की नाराजगी दूर करें.


कहा जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से अजित पवार की पार्टी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद का ऑफर किया गया था. लेकिन, अजित पवार कैबिनेट मंत्रालय की मांग पर अड़े थे. उसको लेकर अजित पवार का बयान भी सामने आया है कि प्रफुल्ल पटेल पहले कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं, उन्हें स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री का पद लेना ठीक नहीं लगा, इसलिए हमारी तरफ से बीजेपी को कहा गया है कि हम कुछ दिन और इंतजार करने के लिए तैयार हैं. इसके बाद हमें कैबिनेट मंत्रालय दिया जाए.


छगन भुजबल को मंत्री बनाने की मांग
मंत्री पद के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की जगह बन छगन भुजबल को मौका देने की मांग की जा रही है. सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के बीच विवाद को सुलझाने के लिए दिल्ली स्थित आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक बैठक भी हुई. इसमें अजित पवार के अलावा छगन भुजबल, सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस भी शामिल हुए. लेकिन, कोई हल नहीं निकल पाया.


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