Maharashtra Political Crisis News: शिवसेना में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. दावा है कि शिवसेना के 42 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं. शिंदे के गुट ने मांग रख दी है कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा दें, महाविकास आघाडी से बाहर निकलें तब बातची होगी. विधायकों के बगावत के बावजूद शिवसेना ये दिखाने की कोशिश कर रही है कि सबुछ सामान्य है और सरकार अच्छे से चल रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया. इसमें बताया गया कि आज मुख्यमंत्री ने प्रशासन से जुड़े सात विषयों पर फैसला लिया. सभी सातों फैसलों की जानकारी मीडिया से साझा की गई.


कल हुए थे कैबिनेट के फैसले 


इससे पहले बुधवार को भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने बड़े फैसले लिए थे. सूत्रों के मुताबिक, नियमित तौर पर कर्ज का पैसा भरने वाले किसानों को 50000 रुपये अनुदान देने का फैसला महाराष्ट्र सरकार ने किया. साथ ही राजनीतिक आंदोलन में जो मामले दर्ज किए गए हैं वह वापस लिए जाएंगे. कैबिनेट की बैठक के बाद कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा था कि नियमित विषयों जैसे कोविड की स्थिति आदि पर चर्चा हुई.  


Bombay High Court से बीजेपी नेता नारायण राणे को झटका, BMC के नोटिस को खारिज करने से किया इनकार


संजय राउत ने गठबंधन छोड़ने के दिए संकेत


वहीं, आज संजय राउत का बयान चर्चा में है. संजय राउन ने कहा कि अगर शिवसेना के विधायक चाहते हैं कि पार्टी महाविकास आघाडी छोड़ दे तो इसके लिए वो तैयार हैं. लेकिन उन्होंने बागी विधायकों के सामने मुंबई आकर बात करने की शर्त रख दी. उन्होंने कहा कि मुंबई आकर बात करें, आपकी बात जरूर सुनी जाएगी. वहीं शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी ने कहा है कि हम गठबंधन के साथ हैं.


Maharashtra Political Crisis: एकनाथ शिंदे ने क्यों की 'बगावत'? शिवसेना के इस बागी MLA ने सीएम ठाकरे को चिट्ठी लिख बताई वजह