Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र की पूर्व IAS ट्रेनी पूजा खेडकर की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से हाई कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें पूजा खेडकर की डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को फर्जी माना गया है. सिविल परीक्षा 2022-2023 के दौरान पूजा खेडकर की तरफ से फर्जी सर्टिफिकेट दाखिल की गई थी.


सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर ने नाम भी बदला था. वहीं पूजा खेडकर की तरफ से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट महाराष्ट्र से जारी होने का दावा किया गया था वो दावा भी झूठा पाया गया है.


47 प्रतिशत दिव्यांगता का किया था दावा
पूजा खेडकर की तरफ से 47 प्रतिशत दिव्यांगता का दावा किया गया था. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि उनके पास महाराष्ट्र के एक अस्पताल का सर्टिफिकेट भी है, जिसमें उनके ओल्ड एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट के फटने और बाएं घुटने में अस्थिरता की पुष्टि भी की गई है. उनकी तरफ से कहा गया था कि यूपीएससी की परीक्षा में आरक्षण के लिए 40 प्रतिशत दिव्यांग होना जरूरी है जबकि मैं 47 प्रतिशत दिव्यांग हूं.


यानी साफ तौर पर दावा किया जा सकता है कि पूजा खेडकर ने आईएएस अधिकारी बनने के लिए कई फर्जीवाड़े किए. इसको लेकर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने उनपर एफआईआर भी दर्ज कराई थी. संघ लोक सेवा आयोग में दिए गए दस्तावेजों में पूजा खेडकर ने अपने माता-पिता का नाम भी बदला था. यही नहीं अपनी तस्वीर, मोबाइल नंबर और ईमेल. पता भी फर्जी दिया था. 


बता दें कि पूजा खेडकर के मामले का खुलासा तब हुआ जब उन्हें पुणे स्थित जिला मुख्यालय में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. वहां जॉइनिंग से पहले ही पूजा खेडकर अनुचित मांग करनी शुरू कर दी. इसके बाद मामला सुर्खियों में आया और छानबीन के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. यूपीएससी की परीक्षा में पूजा खेडकर ने 821वीं रैंक हासिल की थी.


प्रोबेशन पीरियड के दौरान ही वो सुर्खियों में आ गईं, क्योंकि उन्होंने इस दौरान अपनी प्राइवेट ऑडी कार पर लाल-नीली बती और वीवीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल भी किया था.


यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में फिर थम गए ‘लालपरी’ के पहिए! आज सीएम के साथ होगी ST प्रतिनिधिमंडल की बैठक