'शरद पवार 50 फीसदी तैयार हो गए थे...', BJP से गठबंधन पर प्रफुल्ल पटेल का बड़ा दावा
Praful Patel on Sharad Pawar: प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार के बीजेपी के साथ न आने के फैसले पर कहा कि साहब कभी-कभी संकोच कर जाते हैं जैसे कि 1996 में देवेगौड़ा की सरकार जाने पर किया था.
Maharashtra News: एनसीपी संस्थापक शरद पवार (Sharad Pawar) क्या बीजेपी के साथ जाना चाहते थे? क्या अजित पवार (Ajit Pawar) के बीजेपी से गठबंधन के बाद वह भी ऐसा कुछ करना चाहते थे? इस सवाल पर अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने कहा कि चाचा और भतीजे के बीच शपथ ग्रहण के बाद दो बार मुलाकात हुई और अजित पवार ने शरद पवार को मनाने की कोशिश की. प्रफुल्ल पटेल ने दावा कि शरद पवार आखिरी वक्त में संकोच कर जाते हैं.
प्रफुल्ल पटेल ने गोडिंया में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ''2 जुलाई को जब अजित पवार और हमारे मंत्रियों ने इस सरकार के साथ शपथ ली. 15-16 जुलाई को दो बार मुंबई में हम शरद पवार से मिले और निवेदन किया, पैर छूकर आशीर्वाद किया. हमने कहा कि जो कुछ हो गया है हो गया,. हमारे फैसले के साथ आना पसंद नहीं किया लेकिन अनुरोध किया कि अब हमारे साथ आइए. नेततृत्व में ही काम कीजिए.''
50 प्रतिशत तक हमारे साथ आने को हो गए थे तैयार- प्रफुल्ल पटेल
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पुणे में एक उद्योगपति के घर में अजित पवार और शरद पवार के बीच मुलाकात हुई. कहीं न कहीं संकेत देता है कि हमारे बीच बातचीत जारी थी. वह 50 प्रतिशत तक तैयार हो गए थे. हमें केवल यह समझना होगा कि जो हो रहा है वह अवसरवादिता है.
आखिरी वक्त में संकोच कर बैठते हैं पवार साहब - पटेल
तो फिर बात कहां अटक गई? इस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा, '' मुझे नहीं मालूम नहीं. पवार साहब मेरे नेता रहे हैं. उनसे मेरा नजदीकी रिश्ता रहा है.साहब कहीं न कहीं संकोच कर बैठते हैं आखिर वक्त पर. जब 1996 में देवे गौड़ा की सरकार थी. जब सीताराम केसरी ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए 10 महीने बाद उनसे समर्थन ले लिया. तब देवेगौड़ा जी ने खुद मुझसे कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व ले ले, मैं इस्तीफा देकर उन्हें समर्थन कर दूंगा.''
शरद पवार ऐन वक्त पर भूमिका बदल दी - प्रफुल्ल पटेल
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ''कांग्रेस के सांसद केसरी जी की भूमिका से नाराज थे. अगर पवार भूमिका ले लेते तो वह देश के पीएम बन जाते. उससे ज्यादा कोई और खुशी होती ही नहीं कि हमारे नेता पीएम बन गए. लेकिन अफसोस है कि उन्होंने तब अपनी भूमिका ऐन-वक्त पर बदल दी.''
इंडिया गठबंधन के पास नहीं कोई योजना
वहीं, इंडिया गठबंधन को लेकर प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ''मैं पवार साहब के साथ पहली बार पटना की बैठक में गया था. वे फोटो खिंचाने के लिए साथ मिले, कुछ नहीं हुआ. उनके पास क्या प्लान है. कोई प्लान नहीं है. अगर उनके पास प्लान है तो वे जनता के सामने पेश करते. कम से कम उन्हें ये बताना चाहिए कि पीएम मोदी के खिलाफ कौन लड़ेगा.''
पीएम मोदी के अलावा नहीं कोई विकल्प
पटेल ने पीएम मोदी को लेकर कहा, ''राष्ट्रीय स्तर पर मूड यह है कि मोदी जी देश के नेता है. गोंडिया के गांवों में लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं से खुश हैं. यह पुरानी बीजेपी नहीं है और यह ना ही पुराना भारत है. मोदी जी समय के साथ आगे बढ़ गए हैं. उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि अपनी योजना में वह भारत के हर नागरिक को शामिल करते हैं. उनके अलावा कोई विकल्प नहीं है.''
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