मालेगांव धमाका मामले में बीजेपी की नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. वो इस मामले में कोर्ट की कार्यवाही में उपस्थित नहीं हुईं जिसके बाद कोर्ट ने वारंट जारी किया. उन्हें 13 नवंबर को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया है.
एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज एके लाहोटी ने कहा कि बहस अंतिम चरण पर पहुंच चुकी है और ऐसे में आरोपी की मौजूदगी जरूरी है. उन्होंने बीजेपी की नेता के खिलाफ दस हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया. अब उन्हें 13 नवंबर को कोर्ट में पेश होकर इस वारंट को रद्द करवाना होगा.
प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट में उपस्थिति के लिए उचित समय देने की अपील की. लेकिन कोर्ट ने पाया कि आरोपी 4 जून से कार्यवाही में मौजूद नहीं हुई हैं. स्पेशल जज ने कहा कि बीमारी और इलाज के लिए आवेदन पर समय-समय पर विचार किया गया था.
बता दें कि मुंबई से करीब 200 किमी दूर मालेगांव ब्लास्ट की घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी. मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को बाइक पर बंधे विस्फोटक में धमाका हुआ था. इस घटना में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हु्ए थे. इस मामले की जांच शुरू में एटीएस महाराष्ट्र द्वारा की गई थी और 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था.
इससे पहले अक्टूबर महीने में प्रज्ञा ठाकुर ने अपने वकील के जरिए दलील दी थी कि मालेगांव ब्लास्ट में प्रतिबंधित संगठन सिमी का हाथ हो सकता है. उनके वकील ने कहा कि जब भी कहीं इस तरह की घटना होती है तो स्थानीय लोग पुलिस की मदद करते हैं. लेकिन इस मामले में घटना के बाद भीड़ इकट्ठी हो गई थी और पुलिस पर पथराव कर उन्हें घटनास्थल पर जाने से रोका गया.
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