RSS Latest News: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे 58 साल पुराने 'प्रतिबंध' को हटा लिया है. अब सरकारी कर्मी RSS की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे. सरकार के इस आदेश के बाद से अलग-अलग राजनीतिक दलों ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. इस बीच महाराष्ट्र के वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने BJP और RSS पर तंज करते हुए सवाल पूछा है.


प्रकाश आंबेडकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मेरा बीजेपी और आरएसएस दोनों से एक सरल प्रश्न है? क्या RSS भारत के लिए धर्मनिरपेक्ष राज्य को पूरी तरह से स्वीकार करता है? क्या RSS भारत के राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार करता है? क्या RSS भारत के संविधान के प्रति वफादार है?"


वहीं आगे प्रकाश आंबेडकर ने कहा, "इन सवालों का जवाब 'नहीं' है. दरअसल, आरएसएस धर्मनिरपेक्ष भारत विरोधी है. आरएसएस तिरंगे का विरोधी है. आरएसएस संविधान विरोधी है." प्रकाश आंबेडकर ने आगे फिर सवाल किया, "अगर कोई सरकारी कर्मचारी आरएसएस और उनकी विभाजनकारी विचारधारा के प्रति वफादार है तो वह भारत के प्रति वफादार कैसे हो सकता है?"






आदेश में क्या कहा गया?
दरअसल, केंद्र सरकार ने RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है. केंद्र सरकार के आदेश में कहा गया कि "उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह फैसला लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए."


कांग्रेस ने जताया विरोध
केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया है. कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी इस फैसले की तीखी आलोचना की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि "फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया, इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया."


उन्होंने आगे लिखा कि "1966 में RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था. यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है. 4 जून 2024 के बाद स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था. मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है." 



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