Maharashtra News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने एससी-एसटी समुदाय के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. इस मुलाकात की तस्वीर पर तंज करते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) ने कहा, "कैमरा के लिए नौटंकी हो रही है. हमें बेवकूफ मत बनाइए. संवैधानिक संसोधन लाइए.''


प्रकाश आंबेडकर ने रविवार को 'एक्स' पर लिखा, ''क्या यह फोटोशूट सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट देगा जिसमें राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति की सूची में सब- कैटिगरी बनाने कहा गया है? नहीं.'' 


पीएम मोदी ने मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था, ''अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से आज मुलाकात की.  एससी/एसटी समुदायों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता और संकल्प दोहराया.'' इस पर प्रकाश आंबेडकर ने लिखा कि आपके भरोसे का कोई मतलब नहीं है. 






आरक्षण खतरे में है- प्रकाश आंबेडकर
प्रकाश आंबेडकर ने आगे लिखा, ''आपको याद दिला दूं कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के मामले में एससी और एसटी में क्रीमी लेयर को लागू करने और उनके उप-वर्गीकरण के पक्ष में दलीलें दी थीं.  सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के फैसले को रद्द करने के लिए संवैधानिक संशोधन लेकर आएं.'' अंत में आंबेडकर लिखते हैं, ''आरक्षण खतरे में है.''


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने 1 अगस्त को यह टिप्पणी की थी कि SC-ST में भी क्रीमी लेयर लागू करने पर विचार करना चाहिए. इसे लेकर दलित सांसदों ने PM से मिलकर अपनी चिंता जताई थी. 


सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अनुसूचित जाति और जनजाति में क्रीमी लेयर को लागू करने पर विचार करना चाहिए. वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था जिसमें कहा था कि हमारी सरकार बाबा साहेब के बनाए गए संविधान के प्रति प्रतिबद्ध है. संविधान में अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है. बाबा साहब के संविधान के अनुसार ही एससी और एसटी का आरक्षण जारी रहेगा.'


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