Prakash Ambedkar on VBA and Shiv Sena UBT Alliance: प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) ने रविवार (7 जुलाई) को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ वंचित बहुजन अघाड़ी का गठबंधन टूट गया है. आंबेडकर ने पिछले साल नवंबर में शिवसेना (यूबीटी) के साथ भीमशक्ति-शिवशक्ति गठबंधन बनाया था.
हालांकि, उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले एमवीए घटक कांग्रेस, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) और शिव सेना (यूबीटी) पर अनदेखी की बात कहते हुए खुद के राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने एमवीए और शिव सेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन तोड़ दिया था.
शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन पर पूछे गए सवाल के जवाब में वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि "यह गठबंधन टूट चुका है, इसमें कुछ भी नहीं बचा है." दरअसल, जब शिवसेना में विभाजन हुआ था तो उसके दलित वोटों को साधने की नीति के तहत उद्धव ठाकरे ने एक रणनीतिक कदम उठाकर वीबीए के साथ गठबंधन किया था. फिलहाल, 2024 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यह गठबंधन टूट गया था.
गठबंधन तोड़ने के बाद क्या बोले थे आंबेडकर?
बता दें शिव सेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन तोड़ने पर आंबेडकर ने कहा था कि " यह निरर्थक है, क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अब एमवीए का हिस्सा है. एमवीए के किसी घटक के साथ व्यक्तिगत साझेदारी का कोई मतलब नहीं है. सभी फैसले सामूहिक रूप से लिए जाने चाहिए. एमवीए के कामकाज में अस्पष्टता का इशारा करते हुए उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में बीजेपी विरोधी, आरएसएस विरोधी मोर्चा बनाने की इच्छुक है."
वीवीए ने कांग्रेस-एनसीपी को पहुंचाया था नुकसान
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले वीबीए ने बीजेपी विरोधी पार्टियों के साथ गठबंधन किया था. वीबीए ने असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया. पार्टी को लगभग 35 लाख वोट मिले और उसके उम्मीदवारों ने कम से कम आठ से 10 सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी (तब गठबंधन में) की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया था.
कहा जाता है कि उस साल बाद में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी ने धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित किया और कम से कम 32 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस-एनसीपी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया था.