Maharashtra: वन नेशन वन इलेक्शन' बिल पर प्रकाश अंबेडकर बोले, 'कांग्रेस को एक...'
Prakash Ambedkar News: वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि अगर ये विधेयक पारित हो जाता है तो यह तानाशाही की शुरुआत होगी. कांग्रेस को ढुलमुल रवैया नहीं अपनाना चाहिए.
One Nation One Election News: देशभर में अभी 'वन नेशन वन इलेक्शन' के मसले पर सियासत गरमाई हुई है. पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार जुबानी जंग जारी है. इस बीच वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने प्रतिक्रिया देते हुए 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से संबंधित बिल को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि अगर ये पारित होता है तो तानाशाही की शुरूआत है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए प्रस्तावित 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर प्रकाश अंबेडकर ने बुधवार (18 दिसंबर) को मीडिया से बातचीत में कहा, ''अगर ये विधेयक पारित हो जाता है, तो यह भारत में राजनीतिक दलों के अंत की शुरुआत का संकेत होगा.''
'विधेयक पारित हुआ तो देश का भविष्य दांव पर होगा'
उन्होंने आगे कहा, "अगर यह विधेयक पारित हुआ तो इस देश का भविष्य दांव पर होगा. राजनीतिक दलों का अंत शुरू हो जाएगा. विपक्ष के इस दावे पर टिप्पणी करते हुए कि विधेयक संघीय ढांचे को खतरे में डालता है, उन्होंने कहा, "संघीय ढांचा पहले ही समाप्त हो चुका है. जीएसटी के कारण राज्य वित्तीय रूप से केंद्र पर निर्भर हैं. उनकी अर्थव्यवस्थाएं खत्म हो गई हैं.''
कांग्रेस को ढुलमुल रवैया नहीं अपनाना चाहिए- प्रकाश अंबेडकर
एक अन्य सवाल के उत्तर में अंबेडकर ने कहा, "यह तानाशाही की शुरुआत है. कांग्रेस को एक रुख अपनाना होगा और उसे ढुलमुल रवैया नहीं अपनाना चाहिए. इससे पहले, संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को औपचारिक रूप से मतदान के बाद लोकसभा में पेश किया गया था. कुल 269 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, जबकि 196 सदस्यों ने विधेयक के विरोध में मतदान किया.
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने के बाद लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मतदान के नतीजों की घोषणा की गई. मेघवाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सुझाव के अनुसार विधेयक को जेपीसी में भेजने पर सहमत हुए.
सदन में दिन की कार्यवाही के दौरान, मेघवाल ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन के लिए एक विधेयक भी पेश किया.
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