Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue Collapsed: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना को लेकर सियासी पारा अभी तक चढ़ा हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से इस घटना को लेकर शुक्रवार (30 अगस्त) को माफी मांगने के बाद महाविकास अघाड़ी के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए आराध्य देव हैं. सिंधुदुर्ग की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मैं आज सर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं."
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ''महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री सीधे- सीधे भी माफी मांग सकते थे लेकिन उन्होंने कंडिशनल माफ़ी मांगी है. माफी मांगने से काम नहीं चलेगा. जवाबदेही तय हो. अगर मुख्यमंत्री नेवी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं तो राजनाथ सिंह को जवाबदेही तय करना चाहिए.''
मुख्यमंत्री के करीबी को कॉन्ट्रैक्ट दिया- चव्हाण
उन्होंने कहा, ''आज जिन लोगों के वजह से प्रधानमंत्री को माफ़ी मांगनी पड़ी, क्या कभी उन लोगों का पर्दाफाश नहीं होगा? इस पूरे मामले में भाई- भतीजावाद हुआ है. मुख्यमंत्री के करीबी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. क्या प्रधानमंत्री छत्रपति शिवाजी महाराज और सावरकर की तुलना करना चाहते है? किसी नौसिखिया को पुतला बनाने का कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया गया?''
प्रियंका चतुर्वेदी का तंज
उधर, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''चुनाव के लिए जल्दबाजी में मूर्ति बनाई गई. पीएम के प्रचार के लिए मूर्ति बनाई गई. पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार था. ऐसी कई मंजूरी थीं जो नहीं ली गईं. खुद को निर्दोष साबित करने और भारतीय नौसेना को दोषी ठहराने के लिए झूठ बोला गया. यह माफ़ी कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक हताशा का एक और काम है.''
उद्धव गुट के नेता आनंद दुबे का भी हमला
शिवसेना (UBT) प्रवक्ता आनंद दुबे ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ''पीएम मोदी, आपको महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों के सामने माफ़ी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा. यह सिर्फ़ राज्य के 13 करोड़ लोगों की बात नहीं है, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों की बात है.
उन्होंने आगे कहा, ''छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ़ महाराष्ट्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए पूजनीय हैं. अगर उनकी मूर्ति के मामले में कोई भ्रष्टाचार पाया जाता है, उनकी मूर्ति का अपमान किया जाता है, तो माफ़ी मांगने से काम नहीं चलेगा, आपके सीएम और डिप्टी सीएम को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. सवाल हमारे स्वाभिमान का है."
शरद पवार की पार्टी ने क्या कहा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की पार्टी एनसीपी (SP) ने भी हमला बोलते हुए कहा कि चाहे कितनी भी माफ़ी मांग लो. शिवद्रोहियों को अब कोई माफ़ी नहीं!
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