'प्रधानमंत्री जी देश आपकी...', CSIR-UGC NET एग्जाम स्थगित होने पर प्रियंका चतुर्वेदी का बड़ा हमला
CSIR-UGC-NET Exam Cancel: प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा यह तीसरी परीक्षा है जिसे NTA ने स्थगित किया है. शिक्षा मंत्री ने कहा था जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उस दावे का क्या हुआ?
Maharashtra News: यूजीसी नेट परीक्षा के बाद अब एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने 25 जून से 27 जून के बीच होने वालीसंयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जून-2024 को स्थगित करने का ऐलान किया है. इस बीच परीक्षाओं में हो रहे फर्जीवाड़ा को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा को स्थगित करने पर बीजेपी सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.
शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि "यह तीसरी परीक्षा है जिसे NTA ने स्थगित किया है. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि उन्होंने जिम्मेदारी ली है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उस दावे का क्या हुआ?"
#WATCH | Mumbai: Shiv Sena (UBT) leader Priyanka Chaturvedi says, "This is the third exam that NTA has postponed...The Education Minister said that he has taken responsibility, whoever will be found guilty, strictest action will be taken against them. What happened to that… https://t.co/cl7PQEhT8d pic.twitter.com/Dl3lrnOIds
— ANI (@ANI) June 22, 2024
"कितने करियर पर आप पूर्ण विराम लगाएंगे"
उन्होंने आगे कहा कि "आज हमारे युवा गुस्से में हैं, आज वो सड़कों पर विरोध कर रहे हैं. कितने करियर पर आप सवाल उठाएंगे, कितने करियर पर आप पूर्ण विराम लगाएंगे? प्रधानमंत्री जी, देश आपकी तरफ देख रहा है कि आज तक आपने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी."
NTA ने क्या कहा?
दरअसल, एनटीए (NTA) द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 25 से 27 जून 2024 के बीच होने वाली निर्धारित संयुक्त सीएसआईआर नेट परीक्षा अपरिहार्य परिस्थितियों और रसद मुद्दों के कारण स्थगित कर दी गई है. संशोधित परीक्षा डेट जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट "csirnet.nta.ac.in" के माध्यम से घोषित की जाएगी.
NET परीक्षा भी कैंसिल
गौरतलब है कि 19 जून को केंद्र सरकार ने परीक्षा की ईमानदारी पर गंभीर सवालों के बीच 18 जून को हुए यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का आदेश दे दिया था. उनका कहना था कि बिहार जैसे राज्यों में क्वेश्चन पेपर लीक होने और प्रतिष्ठित नीट परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोपों के बीच नेट परीक्षा रद्द कर दी गई. आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गईं हैं.