(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RSS की गतिविधियों में भाग ले पाएंगे सरकारी कर्मचारी, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- 'याद रखना चाहिए...'
RSS News: शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आलोचना भरे अंदाज में कहा कि अब सरकारी कर्मचारी आरएसएस से जुड़कर खुलकर बीजेपी के लिए काम कर पाएंगे.
RSS Latest News: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस (RSS) की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर लगाया गया बैन हटा लिया है. इस दावे पर शिवसेना-यूबीटी की नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने कहा कि अब तो सरकारी कर्मचारी खुल तौर पर आरएसएस से एफिलिएशन लेकर बीजेपी के लिए काम कर सकेंगे. यह शर्मनाक बात है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ''पहले ईडी, सीबीआई और चुनाव आयोग पहले भी भारतीय जनता पार्टी प्रायोजित काम कर रहे थे. अब सरकारी कर्मचारी खुलकर आरएसएस से जुड़कर उनका काम कर सकते हैं. जो सेवा में आते हैं उन्हें भारत माता और भारत माता के विकास के लिए काम करना होता है, लेकिन इस नोटिस के बाद अपनी विचारधारा को आगे रखकर काम करेंगे जो सुविधा बीजेपी ने दी है. यह शर्मनाक और निंदनीय है. यह याद रखना चाहिए कि जब वह शपथ लेते हैं तो देश के संविधान और देश के हितों को लेकर लेते हैं न कि वैचारिक हित को लेकर लेते हैं.''
VIDEO | Parliament Budget Session: "Now, they (government employees) will be able to openly work for them (BJP) by getting affiliated with RSS. This is condemnable. The government employees will now keep their personal interests ahead while working (for the government)," says… pic.twitter.com/QwXgLOhYmA
— Press Trust of India (@PTI_News) July 22, 2024
यह प्रतिबंध 58 साल बाद हटाया गया है. इस फैसले का आरएसएस ने स्वागत किया है. बता दें कि इससे पहले हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में ऐसे प्रतिबंध हटाए जा चुके हैं. जबकि इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “58 साल पहले, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था, अब मोदी सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया है.''
उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है. यह प्रतिबंध 58 साल पहले लगाया गया था. यह बैन वाजपेयी के कार्यकाल में भी जारी था.
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