'खुद बदलने चले थे संविधान, मिल गया...', संविधान हत्या दिवस के एलान पर भड़का उद्धव गुट
Priyanka Chaturvedi News: शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गृहमंंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि इसे 'संविधान हत्या दिवस' कहना कितना हास्यास्पद लगता है.
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Priyanka Chaturvedi On Amit Shah: इमरजेंसी के दौरान के वक्त को याद करने के लिए 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सियासत तेज हो गई है. विपक्षी दल केंद्र के इस फैसले पर ऐतराज जताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मसले को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है.
उद्धव ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''क्या कोई माननीय गृहमंत्री अमित शाह को ये बताएगा कि आपातकाल घोषित करने के लिए अनुच्छेद की संवैधानिक उपलब्धता के आधार पर इमरजेंसी लागू किया गया था?''
संविधान हत्या दिवस कहना हास्यास्पद- प्रियंका चतुर्वेदी
उन्होंने आगे कहा, ''इसे 'संविधान हत्या दिवस' कहना कितना हास्यास्पद लगता है, जबकि यह वही संविधान था जिसमें आपातकालीन धारा थी! यह आपातकाल की ज्यादती हो सकती है और इसे घोषित करने के अधिकार को कमजोर करना हो सकता है या इमरजेंसी घोषित करने का राजनीतिक कारण भी हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से संवैधानिकता की हत्या नहीं हो सकती है''.
Will someone tell Hon. HM Amit Shah, that emergency was applied basis of a constitutional availability of the clause to declare emergency?
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 12, 2024
How ridiculous he sounds by calling it Samvidhan Hatya Diwas when it was the very samvidhan which had an emergency clause! It can be…
केंद्र का 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला
बता दें कि केंद्र की सरकार ने इमरजेंसी की अवधि के दौरान अमानवीय पीड़ा झेलने वालों के 'व्यापक योगदान' को याद करने के लिये 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. इसी दिन 1975 में इमरजेंसी की घोषणा की गई थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इस बारे में घोषणा की.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने से प्रत्येक भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा की अमर ज्वाला को प्रज्वलित रखने में मदद मिलेगी, जिससे कांग्रेस जैसी 'तानाशाही ताकतों' को उसे दोहराने से रोका जा सकेगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए.''
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