बदलापुर की घटना पर प्रियंका चतुर्वेदी का शिंदे सरकार पर हमला, 'महिलाएं सुरक्षा मांग रहीं, योजनाएं नहीं'
Badlapur Assault Case: बदलापुर में स्कूल में दो छोटी बच्चियों के साथ घिनौनी हकरत की गई है जिससे हर कोई हैरान है. बदलापुर में सुबह से ही जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के बदलापुर (Badlapur) में एक स्कूल में नर्सरी की दो छात्राओं के साथ हुए यौन शोषण के मामले में लोगों में काफी रोष है. इस घटना को लेकर बदलापुर में लोग सड़कों पर उतर आए और स्कूल में भी तोड़-फोड़ की गई. इस बीच, शिवसेना-यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने महायुति सरकार से मांग की है कि 2021 में विधानसभा में पारित उस विधेयक को कानून का अमलीजामा पहनाया जाए जो महिलाओं और बच्चों के लिए न्याय की बात करता है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ''महिलाओं को कहा जाता है कि आपके लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे लेकिन वोट पाने के बाद उनको कुछ नहीं मिलता. 2021 में उद्धव ठाकरे की सरकार एक बिल लाई थी, विधानसभा में चर्चा के बाद पारित हुआ. उसे राष्ट्रपति की सहमति की जरूरत है.''
फडणवीस से कानून पास कराने की मांग
प्रियंका ने कहा कि 2022 में हमारी सरकार गिराई गई. देवेंद्र फडणवीस ने वादा किया था कि उस कानून को पास किया जाएगा. हमने उनको चिट्ठी लिखी कि रक्षा बंधन के पर्व पर इसकी मंजूरी दीजिए ताकि महाराष्ट्र की महिलाओं को सख्त कानून मिलेगा, जो उनको आश्वसान देता है कि 15 दिन में जांच होगी, अलग कोर्ट होगा, अलग पुलिस फोर्स होगी.
प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर महायुति सरकार को घेरते हुए कहा, ''जो महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं वे कह रही हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना का लाभ नहीं चाहिए बल्कि वह महिला सुरक्षा चाहती हैं.''
SIT करेगी मामले की जांच
उधर, बदलापुर की घटना पर महाराष्ट्र सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है जिसका नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक रैंक की अधिकारी आरती सिंह करेंगी. वहीं, मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया गया है. बता दें कि 17 अगस्त को बदलापुर में स्कूल के एक अटेंडेंट को किंडरगार्टन की तीन और चार साल की दो छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने के मामले में गिरफ्तार किया है.
ऐसे आरोप हैं कि उसने स्कूल के वॉशरूम में लड़कियों के साथ गलत हरकत की. स्कूल प्रबंधन ने इस घटना पर प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया है. हालांकि इस घटना से लोगों में काफी नाराजगी है. बच्चों के अभिभावकों ने इस पर विरोध प्रदर्शन किया है.
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