Maharashtra: पत्रकार निखिल वागले पर हमले के आरोप में 10 BJP कार्यकर्ता गिरफ्तार, कार पर किया था पथराव
Nikhil Wagle: वरिष्ठ मराठी पत्रकार निखिल वागले पर हमले के सिलसिले में दस बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. ये हमला तब किया गया, जब वो निर्भय बनो सभा को संबोधित करने जा रहे थे.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे (Pune) में वरिष्ठ मराठी पत्रकार निखिल वागले पर हमले के सिलसिले में शनिवार को दस बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि, वागले और अन्य लोगों को एक सार्वजनिक बैठक में ले जा रही कार पर हमले के एक दिन बाद, शनिवार शाम को शहर के पार्वती पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.
डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियार या साधनों से चोट पहुंचाना), 336 (जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना), 427 (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित करने के बारे में वरिष्ठ पत्रकार की टिप्पणी का विरोध करते हुए, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी कार में तोड़फोड़ की. इस कार में वागले और कार्यकर्ता असीम सरोदे और विश्वंभर चौधरी पुलिस सुरक्षा के तहत यात्रा कर रहे थे.
BJP कार्यकर्ताओं ने कार में की तोड़फोड़
ये हमला तब किया गया, जब वो निर्भय बनो सभा को संबोधित करने जा रहे थे. एक महिला द्वारा दर्ज की गई शिकायत, जिस पर एफआईआर आधारित थी, में दावा किया गया कि वह और कुछ अन्य लोग वागले की कार की सुरक्षा कर रहे थे, जबकि कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वाहन पर पथराव किया और उन्हें घायल कर दिया. गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की पहचान दीपक पोटे, गणेश घोष, गणेश शेरला, राघवेंद्र मानकर, स्वप्निल नाइक, प्रतीक देसारदा, दुष्यंत मोहोल, दत्ता सागरे, गिरीश मानकर और राहुल पेगुडे के रूप में की गई है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की हमले की निंदा
वहीं राष्ट्रीय राजधानी में जारी एक बयान में, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकार पर हमले की निंदा की और महाराष्ट्र सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि 'मुखर पत्रकार' पर हमला राज्य में कानून-व्यवस्था के पतन को दर्शाता है.
बता दें कि, इससे पहले, पीएम मोदी और आडवाणी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए वागले के खिलाफ बीजेपी नेता सुनील देवधर ने शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया.
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