Pune Hit and Run Case: पुणे पोर्शे कार दुर्घटना मामले में एक ताजा अपडेट सामने आया है. कोर्ट ने आरोपी नाबालिग के पिता और दादा दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.


पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने नाबालिग आरोपी के पिता के लिए पुणे जिला न्यायालय में पहली एफआईआर में पेशी आवेदन दायर किया जिसमें 120 बी के आरोप जोड़े गए थे. यह ब्लड के नमूने में हेराफेरी की वही एफआईआर है जिसमें दोनों डॉक्टर और एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था और वे पुलिस हिरासत में हैं.


पुणे पुलिस ने ‘पोर्श’ कार हादसे में कथित रूप से शामिल नाबालिग के खिलाफ जांच की अनुमति लेने के लिए किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखा है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गयी थी. पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था.


अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकवडे ने कहा, ‘‘हमने जे जे बोर्ड को पत्र लिखकर नाबालिग के खिलाफ जांच करने की अनुमति मांगी है.’’ किशोर न्याय (जे जे) बोर्ड ने दुर्घटना के कुछ घंटों बाद बिल्डर विशाल अग्रवाल के बेटे एवं मामले में आरोपी किशोर को जमानत दे दी थी और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था. भारी आलोचना के बीच पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड में पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसके बाद बोर्ड ने आदेश में संशोधन करते हुए आरोपी को पांच जून तक हिरासत केंद्र में भेज दिया.


नाबालिग के पिता और दादा को उनके परिवार के वाहन चालक को गलत तरीके से बंधक बनाने, उसे नकदी एवं उपहारों का लालच देने तथा दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने के लिए धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने किशोर के रक्त के नमूनों को किसी और के नमूनों से बदलने के आरोप में यहां ससून सर्वोपचार रुग्णालय के दो चिकित्सकों और एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है.


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