पुणे में लगातार बढ़ रहे GBS के मामले, 158 तक पहुंची संख्या, वेंटिलेटर पर इतने मरीज
Pune GBS Case: पुणे में प्रदूषित पानी के कारण गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ज़्यादातर केस पुणे और उसके आस-पास के इलाकों से ही सामने आए हैं.

GBS Case in Pune: महाराष्ट्र के पुणे में जीबीएस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यहां मरीजों की संख्या 158 तक पहुंच गई है. अंदेशा जताया जा रहा है कि पुणे में प्रदूषित पानी के कारण रोगियों की संख्या बढ़ रही है. ज़्यादातर केस पुणे और उसके आस-पास के इलाकों से हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 31 मरीज पुणे महानगर पालिका, 83 मरीज सिंहगढ़ रोड, किर्किटवाड़ी, नंदोशी और उसी क्षेत्र के कुछ गांवों से हैं. इसके अलावा 18 मरीज पिंपरी चिंचवड़, 18 मरीज पुणे ग्रामीण, जबकि 8 मरीज दूसरे जिलों के हैं. अब तक 38 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. वहीं, 21 मरीज वेंटिलेटर पर हैं.
महाराष्ट्र में GBS का कहर!
महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) की वजह से मरने वालों की संख्या शनिवार (02 फरवरी) को 5 हो गई. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में जनकारी दी. पुणे के वारजे इलाके के 60 साल के शख्स की शनिवार को श्वसन संबंधी परेशानियों के कारण मौत हो गई. व्यक्ति में जीबीएस की पुष्टि हुई थी. इससे पहले, राज्य में जीबीएस से चार लोगों की मौत हुई थी.
अलग-अलग हिस्सों से पानी के नमूने लैब भेजे गए
पुणे शहर के अलग-अलग हिस्सों से पानी के कई नमूने केमिकल और जैविक विश्लेषण के लिए पब्लिक हेल्थ लैब में भेजे गए हैं. जांच में आठ जल स्रोतों के नमूने दूषित पाए गए हैं. एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया था कि पुणे शहर के अलग-अलग इलाकों से कुल 160 जल के नमूने रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए लैबे में भेजे गए हैं.
अधिकारी के मुताबिक सिंहगढ़ रोड इलाके में कुछ निजी बोरवेल से लिए गए नमूनों में से एक में एस्चेरिचिया कोली या ई-कोली बैक्टीरिया की मौजूदगी देखी गई है. उन्होंने बताया कि पानी में ई-कोली का होना मल या एनिमल वेस्ट से गंदगी फैलने का संकेत है. ये जीबीएस संक्रमण की वजह बन सकती है.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

