Hinjewadi Fire: 'पुणे में जिस गाड़ी में आग लगने से 4 लोगों की हुई थी मौत, उसका ड्राइवर था नाराज', पुलिस का बड़ा खुलासा
Hinjewadi Fire News: पुणे के हिंजेवड़ी में ट्रैवलर में लगी आग कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि चालक की साजिश थी.पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने वेतन कटौती और अपमान से नाराज होकर जानबूझकर आग लगाई.

Pune Hinjewadi Fire: पुणे के हिंजेवड़ी में एक टेम्पो ट्रैवलर वाहन में आग लगने से व्योम ग्राफिक्स कंपनी के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. बुधवार (19 मार्च) सुबह हुई इस घटना ने अब नया मोड़ ले लिया है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह हादसा किसी तकनीकी खराबी के कारण नहीं, बल्कि चालक ने जानबूझकर किया था. पूछाताछ के दौरान आरोपी चालक ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी वेतन न बढ़ाए जाने से नाराज था.
हिंजेवड़ी स्थित विप्रो सर्किल फेज वन इलाके में बुधवार सुबह 8:00 बजे एक टेम्पो ट्रैवलर में अचानक आग लग गई. इस भयावह आग में 4 कर्मचारियों की वाहन के अंदर ही जलकर मौत हो गई, जबकि छह श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए. वहीं, 4 अन्य कर्मचारी किसी तरह वाहन से कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे. प्रारंभिक जांच में पुलिस ने अनुमान लगाया था कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी होगी, लेकिन बाद की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
ड्राइवर की साजिश का पर्दाफाश
पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ के अनुसार, आरोपी चालक जनार्दन हंबरडीकर (जो वर्तमान में पुणे के कोथरूड में रह रहा था) हिंजेवड़ी स्थित व्योम ग्राफिक्स कंपनी के टेम्पो ट्रैवलर पर चालक के रूप में कार्यरत था. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी हंबरडीकर कंपनी प्रशासन से नाराज था. उसका वेतन नहीं बढ़ाया गया था और दिवाली के दौरान भी कटौती की गई थी. इसके अलावा, उसके सहकर्मियों द्वारा उसके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जाता था.
मंगलवार (18 तारीख) को उसने व्योम ग्राफिक्स कंपनी से एक लीटर बेंज़िन सॉल्यूशन नामक ज्वलनशील रसायन प्लास्टिक की बोतल में भरकर अपने वाहन में रखा. सीट के नीचे कपड़े बिछाए गए ताकि आग जल्दी फैल सके. बुधवार (19) की सुबह जब वह कर्मचारियों को लाने गया, तो रास्ते में वारजे से एक माचिस खरीदी. जब टेम्पो हिंजेवड़ी फेज वन इलाके में पहुंचा, तो उसने सीट के नीचे रखे कपड़ों में आग लगा दी. रसायन के कारण कुछ ही पलों में आग भड़क उठी.
पुलिस ने आरोपी को ऐसे पकड़ा
आग लगने के बाद चालक तुरंत ट्रैवलर से कूद गया और खुद को मामूली रूप से घायल कर लिया. लेकिन पुलिस को उसके व्यवहार पर शक हुआ, क्योंकि वह बार-बार बेहोश होने का नाटक कर रहा था. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोरात ने जब उससे गहराई से पूछताछ की, तो उसके जवाब टालमटोल भरे थे. इसी बीच घटनास्थल के पास स्थित एक कंपनी के सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दिया कि चालक ट्रैवलर की सीट के नीचे कुछ जला रहा था. जब पुलिस ने उसे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया.
आरोपी ने बताया कि उसे कंपनी द्वारा अपमानित किया जाता था, उसका वेतन काटा गया था और दो दिन पहले उसे खाने तक नहीं दिया गया था. गुस्से और बदले की भावना से उसने इस भयावह वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है.
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