IAS officer Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर फिर से सुर्खियों में हैं. उनकी एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी की मांग पर चर्चा अभी थमी भी नहीं थी की एक और नया विवाद खड़ा हो गया.
क्या है आरोप?
ABP माझा के अनुसार, आरोप है कि पूजा खेडकर ने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए दिव्यांगता का सर्टिफिकेट दिखाया था. पूजा ने 2021 में UPSC का एग्जाम दिया था. उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 आई थी. उनके पिता का नाम दिलीप राव खेडकर है.
यूपीएससी ने पूजा को दिल्ली के एम्स में मेडिकल जांच के लिए छह बार बुलाया, लेकिन वे नहीं गईं. कहा जाता है कि उन्हें किसी सेंटर से एमआरआई रिपोर्ट मिली और उसी के आधार पर वे कलेक्टर बन गईं. इसलिए उनका कलेक्टर बनना विवादास्पद हो सकता है.
पूजा खेडकर की आईएएस पोस्ट विवादों में घिर सकती है. यूपीएससी और कैट के विरोध के बावजूद उन्हें आईएएस पद कैसे दिया गया? उनकी नियुक्ति के पीछे किस राजनीतिक नेता का हाथ है? ऐसे सवाल अब उठ रहे हैं.
पूजा खेडकर ने आईएएस बनने के लिए क्या किया?
पूजा खेडकर ने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए दृष्टि दोष का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. उस आधार पर उन्हें विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं. यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए आईएएस बनना मुश्किल होता. जब पूजा खेडकर को आईएएस रैंक मिली, तो यूपीएससी ने उनकी मेडिकल परीक्षा कराने का निर्णय लिया. हालांकि, पूजा खेडकर ने छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया.
सबसे पहले उनकी मेडिकल जांच 22 अप्रैल 2022 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में करने का निर्णय लिया गया, लेकिन पूजा ने कोविड का हवाला देकर जाने से इनकार कर दिया. इसके बाद 26 मई 2022 को एम्स और 27 मई 2022 को सफदरजंग अस्पताल में बुलाया गया, लेकिन पूजा खेडकर ने बार-बार मेडिकल टेस्ट में शामिल होने से इनकार कर दिया.
1 जुलाई को फिर से एम्स बुलाया गया, लेकिन वे नहीं गईं. 26 अगस्त 2022 को वे एम्स में मेडिकल जांच के लिए तैयार हुईं. वहां उन्हें 2 सितंबर को एमआरआई टेस्ट के लिए बुलाया गया था. इस दिन न्यूरो-ऑप्थमोलॉजिस्ट की मौजूदगी में पूजा खेडकर की आंखों की रोशनी कम होने के कारण की जांच की जानी थी. लेकिन एम्स के ड्यूटी ऑफिसर के कई प्रयासों के बावजूद पूजा खेडकर एमआरआई में शामिल नहीं हुईं. 25 नवंबर 2022 को जब उनसे दोबारा पूछा गया, तो उन्होंने फिर से इनकार कर दिया.
लेकिन बाद में वे एक एमआरआई सेंटर से रिपोर्ट लेकर आईं और यूपीएससी को सौंप दीं. यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताई और पूजा खेडकर के चयन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी. 23 फरवरी 2023 को कैट ने पूजा खेडकर के खिलाफ फैसला सुनाया.
इसके बाद क्या हुआ कि पूजा खेडकर द्वारा जमा किया गया एमआरआई सर्टिफिकेट स्वीकार कर लिया गया और उनकी नियुक्ति वैध कर दी गई और उन्हें आईएएस का दर्जा दे दिया गया, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है. सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना यह संभव है?
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