Pune Porsche Accident: जमानत को लेकर हंगामे के बाद आरोपी किशोर को भेजा गया निगरानी केंद्र, पीड़ित परिवार ने की ये मांग
Pune Porsche Accident: पुणे में पोर्शे कार की टक्कर से दो लोगों की मौत के बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने निगरानी केंद्र भेज दिया है. इस मामले में पीड़ित परिवार ने जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की है.
![Pune Porsche Accident: जमानत को लेकर हंगामे के बाद आरोपी किशोर को भेजा गया निगरानी केंद्र, पीड़ित परिवार ने की ये मांग Pune juvenile court sends Porsche Accident teenager to observation home victim family demands fast track court trial Pune Porsche Accident: जमानत को लेकर हंगामे के बाद आरोपी किशोर को भेजा गया निगरानी केंद्र, पीड़ित परिवार ने की ये मांग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/23/1e69dfe2ce545b2413b800e00e08e6261716434038648359_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Pune Porsche Crash: पुणे किशोर न्यायालय ने पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट केस में आरोपी नाबालिग को निरीक्षण गृह भेजा है. इस मामले में अब पीड़ित परिवार की तरफ से पहला बयान सामने आया है. पीड़ित परिवार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग की है.
पुणे के कल्याणी नगर में तेज रफ्तार कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचलकर मार डालने के आरोपी 17 वर्षीय किशोर को तुरंत जमानत दिए जाने को लेकर हुए हंगामे के बाद किशोर न्याय बोर्ड ने बुधवार को उसे पांच जून तक के लिए निगरानी केंद्र में भेज दिया. वहीं, सत्र अदालत ने पेशे से रियल एस्टेट डेवलपर उसके पिता को पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने कहा कि बोर्ड ने नाबालिग को तीन दिन पहले दी गई जमानत बुधवार शाम को रद्द कर दी जबकि उसके वकील ने दावा किया कि जमानत रद्द नहीं हुई है.
किशोर के साथ वयस्क आरोपी के रूप में व्यवहार करने की अनुमति मांगने संबंधी पुलिस की अर्जी पर अभी कोई आदेश नहीं आया है. बोर्ड ने रविवार को दुर्घटना के कुछ घंटे बाद उसे जमानत दे दी थी और सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था, जिसके बाद लोगों ने इस फैसले की आलोचना की थी. इसके बाद पुलिस ने फिर से बोर्ड का रुख कर आदेश की समीक्षा की मांग की.
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, “बोर्ड के आदेश के अनुसार नाबालिग को पांच जून तक के लिए निगरानी केंद्र भेज दिया गया है. उसके साथ वयस्क (आरोपी) के रूप में व्यवहार करने की अनुमति देने की हमारी याचिका पर अभी आदेश नहीं आया है.” बोर्ड के समक्ष सुनवाई में किशोर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि रविवार को दी गई जमानत रद्द नहीं की गई है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह पहले के आदेश का एक संशोधन है...जमानत रद्द करने का मतलब है पहले के आदेश को रद्द करना और व्यक्ति को हिरासत में लेना. यह आदेश हिरासत से नहीं निगरानी केंद्र भेजे जाने से जुड़ा है.”
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र की 13 लोकसभा सीटों पर 20 मई को कितना हुआ मतदान? चुनाव आयोग ने अब बताया पूरा आंकड़ा
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)