Kasba Bypoll Result 2023: पूरी कैबिनेट ने किया था प्रचार ...फिर भी हार गए हेमंत रसाने, बोले- 'एक उम्मीदवार के रूप में मैं छोटा पड़ गया'
Pune Bypoll Result 2023: कसबा सीट पर हार के बाद बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रसाने की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर थी.

Hemant Rasane On Pune Bypoll Result: पुणे की कसबा उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र धंगेकर ने 11,040 मतों से जीत हासिल की है. बीजेपी के गढ़ में यह कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत है. बीजेपी के पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर ने बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रासने को हरा दिया है. इससे जहां एक ओर एमवीए में खुशी की लहर देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर अपनी इस हार पर बीजेपी प्रत्याशी हेमंत रसाने हार स्वीकार करते हुए प्रतिक्रिया दी है.
कसबा के बीजेपी प्रत्याशी हेमंत रसाने ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ''मैं प्रत्याशी के तौर पर पिछड़ गया. मुझे यह परिणाम स्वीकार है. कसबा में पिछले कुछ दिनों से बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रसाने और कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर के बीच कांटे की टक्कर थी. आज मतगणना की शुरुआत से ही कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र धंगेकर आगे चल रहे थे. केवल सातवें राउंड में डेमंत रसाने आगे चल रहे थे लेकिन उसके बाद के सभी राउंड में वे पिछड़ गए.
... फिर भी हार गए हेमंत रसाने
बीजेपी ने चिंचवाड़ और कसबा विधानसभा उपचुनावों के प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. उनके लिए पूरी कैबिनेट ने प्रचार किया था. पुणे में सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और कई केंद्रीय मंत्रियों ने चुनाव प्रचार किया था. हालांकि उपचुनाव के नतीजों की बात करें तो हेमंत रसाने को इसका फायदा नहीं मिला. 28 वर्षों के बाद, कांग्रेस ने बीजेपी के पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.
बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कसबा उपचुनाव में प्रचार के लिए रोड शो किया था. उन्होंने विश्वास जताया कि यहां बीजेपी की जीत होगी. इस रोड शो के बाद एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी पर हमला बोला. उधर, महाविकास अघाड़ी ने भी रवींद्र धंगेकर के जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. महाविकास अघाड़ी के दिग्गज नेता इस अभियान में शामिल हुए थे. आदित्य ठाकरे का रोड शो भी हुआ था. इस दौरान दोनों पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रोड शो, पदयात्रा, पावर शो और घर-घर जाने पर जोर दिया था.
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