Maharashtra Political News: पुणे लोकसभा उपचुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस और NCP के बीच रस्साकशी जारी है. एबीपी माझा के अनुसार, अजित पवार ने दावा किया है कि पुणे में एनसीपी के 40 और कांग्रेस के सिर्फ 10 पार्षद हैं. लेकिन कांग्रेस ने दिखा दिया है कि पुणे में एनसीपी के 40 नहीं बल्कि 13 पार्षद हैं. कांग्रेस ने दिखाया है कि एनसीपी के अधिकांश नगरसेवक हडपसर और वडगांव शेरी निर्वाचन क्षेत्रों से हैं जो पुणे लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा नहीं हैं. इससे सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है.
कांग्रेस के वोट एनसीपी से ज्यादा हैं
कांग्रेस के दावे के मुताबिक पुणे लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों के वोटों को जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस को मिले वोटों का आंकड़ा एनसीपी को मिले वोटों से ज्यादा है. इसलिए कांग्रेस ने कहा है कि वह पुणे की सीट बरकरार रखेगी. पुणे लोकसभा में छह विधानसभा क्षेत्रों में से दो विधानसभा क्षेत्रों पर एनसीपी का कब्जा है, जिसमें से वडगांव शेरी के मौजूदा विधायक सुनील तिंगरे को 97,708 वोट मिले, जबकि पार्वती विधानसभा क्षेत्र में अश्विनी कदम को 60,225 मतों के साथ दूसरा स्थान मिला. वोट एनसीपी को कुल 1,57,953 वोट मिले थे.
तीन विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के रास्ते में हैं, जिसमें से मौजूदा कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर ने कस्बा पेठ उपचुनाव में 73,309 वोट हासिल किए, कांग्रेस के दत्ता बहिरत ने शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में 53,603 वोटों के साथ दूसरा और रमेश ने दूसरा स्थान हासिल किया. पुणे छावनी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के बागवे 47148 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस पार्टी को कुल एक लाख 74 हजार 60 मत मिले जो एनसीपी से अधिक हैं.
एनसीपी के 29 नगरसेवक
पुणे शहर में एनसीपी के 42 नगरसेवकों में से केवल 13 नगरसेवक लोकसभा क्षेत्र से आते हैं. जबकि शेष 29 पार्षद हडपसर और खड़कवासला विधानसभा क्षेत्र के वार्डों से निर्वाचित हुए हैं. लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के दस पार्षद चुने जाते हैं. कोथरूड विधानसभा क्षेत्र से मनसे प्रत्याशी दिया था. पुणे चुनाव विभाग की ओर से पुणे लोकसभा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
इस चुनाव के लिए जरूरी वोटिंग मशीन यानी ईवीएम भी पुणे में आ गई है. इसलिए, इस बात की प्रबल संभावना है कि अगले कुछ दिनों में चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी. ऐसे में दिवंगत बीजेपी सांसद की जगह कौन भरेगा?, सवाल उठ रहा है. बीजेपी और कांग्रेस से चुनाव के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग शुरू हो गई है.
इस सीट पर किसका दबदबा
पिछले कई सालों से पुणे लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. इसलिए कहा जा रहा है कि यह सीट महाविकास अघाड़ी कांग्रेस को देगी. महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस और एनसीपी के दावे को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई है. विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने 40 साल बाद बीजेपी के खिलाफ जीत हासिल की है, ऐसे में देखना होगा कि महाविकास अघाड़ी यह सीट किसे देती है. कांग्रेस की ओर से तीन नामों की चर्चा है. अरविंद शिंदे, मोहन जोशी और रवींद्र धंगेकर के नाम शामिल हैं.
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