Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे शहर में शुक्रवार को कलेक्टर के ऑफिस के बाहर आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे. आरोप है कि इस दौरान लोगों ने बिना इजाजत के शहर में मार्च निकाला. जिसको लेकर अब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. प्रशासन ने इस घटना पर अब 300 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. उनपर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है. 


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पुणे सिटी पुलिस ने बताया कि, ''300 से अधिक लोगों के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने, बिना इजाजत मार्च निकालने और पुणे कलेक्टर के दफ्तर के बाहर शुक्रवार को आपत्तिजनक नारेबाजी करने के मामले में केस दर्ज किया गया है.''






पुणे में इन धाराओं के तहत 300 लोगों पर केस
पुणे पुलिस ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), 190, 196, 223 और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 135 और 37(1) के तहत 24 अगस्त को बंद गार्डन पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया. बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी की ओर से मोर्चा निकाला गया था. इस दौरान महंत रामगिरी की गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी. इसी दौरान आपत्तिजनक नारेबाजी भी की गई.


सरला द्वीप के मठाधीश के खिलाफ किया था प्रदर्शन
महंत रामगिरी पर प्रवचन के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप हैं और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. उनके खिलाफ महाराष्ट्र के संभाजीनगर और अहमदनगर में विरोध-प्रदर्शन हुआ था. देश के अन्य राज्यों में भी मुस्लिम समाज ने महंत रामगिरी के खिलाफ प्रदर्शन किया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है. रामगिरी सरला द्वीप के मठाधीश हैं.


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