Maharashtra News: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने पुणे के पोर्शे दुर्घटना (Porsche Accident) में राजनीतिक दबाव के लग रहे आरोपों को से इनकार किया है. अजित पवार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव नहीं है. सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने खुद भी इस बारे में बताया है. जो कुछ वहां के विधायक रविंद्र धंगेकर कह रहे हैं, सबूत सामने रखे हैं. उस आधार पर निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं और वही होगा.
अजित पवार से पहले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी मीडिया से बात की थी और मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया था. उन्होंने पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी थी. उन्होंने माता-पिता को आगाह करते हुए कहा था कि नाबालिग बच्चों को कार सौंपने से पहले सोचना चाहिए क्योंकि बच्चा अगर नाबालिग है और उससे कोई अपराध होता है तो कार्रवाई माता-पिता पर भी होती है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की थी कि वे आजादी को मनमानी न बनने दें.
नाबालिग को जमानत मिलने पर उठने लगे थे सवाल
पुणे हादसे में एक नाबालिग ने अपने पोर्शे कार से दो इंजीनियर को कुचल दिया था जिनकी मौके पर मौत हो गई थी. इसके 15 घंटे के अंदर ही नाबालिग को जमानत मिल गई थी. जिसके बाद से विपक्ष ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक दबाव के कारण आरोपी को जमानत मिल गई. इस मामले में अजित पवार के करीबी विधायक एनसीपी विधायक सुनील टिंगरे पर आरोप लगे थे कि वह 19 मई की रात को पुलिस थाने में मौजूद थे और पुलिस पर दबाव बना रहे थे.
एनसीपी विधायक ने दी थी यह सफाई
मामले में सुनील टिंगरे की सफाई आई थी. उन्होंने कहा था कि जनप्रतिनिधि होने के नाते दुर्घटना के बाद पुलिस स्टेशन गया था और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, मैंने पुलिस पर कोई दबाव नहीं डाला था.
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