Maharashtra News: पुणे पोर्शे कार दुर्घटना (Porsche Car Accident) के नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल में गड़बड़ी करने के मामले की जांच चल रही है. इसकी जांच कर रही तीन सदस्यीय कमिटी बुधवार को अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को सौंपेगी. महाराष्ट्र मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सोमवार को कमिटी का गठन किया था जिसकी अध्यक्षता मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पल्लवी सपालेकर रही हैं.
डॉ. पल्लवी ने बताया, ''रिपोर्ट तैयार की जा रही है और यह अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. इसकी डिटेल अभी नहीं बताई जा सकती.'' दरअसल, पुलिस ने यह दावा किया था कि नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को नष्ट कर दिया गया था और किसी अन्य व्यक्ति के सैंपल से रिप्लेस कर दिया गया था जिसमें शराब के अंश नहीं मिले थे. यह सब कुछ पुणे के ससून जनरल अस्पताल में हुआ था.
दो डॉक्टर के अलावा एक स्टाफ भी गड़बड़ी में शामिल
एमएमई डिपार्टमेंट के कमिश्नर राजीव निवात्कर ने कहा, ''कमिटी की रिपोर्ट राज्य सरकार को आज सौंपी जाएगी.'' पुलिस ने सैंपल को बदलने के आरोप में डॉ. अजय तवड़े, डॉ. श्रीहरि हलनोर और स्टाफ मेंबर अतुल घटकाम्बले को गिरफ्तार किया है. डॉ. तवड़े ससून अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख हैं, जबकि डॉ. श्रीहरि चीफ मेडिकल ऑफिसर हैं. 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पोर्शे कार ने दो आईडी इंजीनियर को कुचल दिया था. दोनों की मौके पर मौत हो गई थी. उस वक्त वह पोर्शे कार नाबालिग लड़का चला रहा था. यह नाबालिग लड़का बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा है.
नाबालिग के पिता और दादा भी पुलिस की गिरफ्त में
पुणे पोर्शे हादसे में नाबालिग लड़के को 15 घंटे के अंदर ही जमानत मिल गई थी जिसका विरोध किया गया था और उसपर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाए जाने की मांग की गई थी. लड़के को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस मामले में अग्रवाल परिवार के ड्राइवर ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसे धमकाया जा रहा है. जिसके बाद विशाल अग्रवाल और उसके पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
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