Pune Porsche Car Accident: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट केस में पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार किया है. नाबालिग आरोपी के पिता और बार मालिकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. पुणे पुलिस ने आरोपी के पिता, बार मालिकों और मैनेजरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 420 के साथ-साथ महाराष्ट्र निषेध अधिनियम की धारा 65 (ई) और 18 भी जोड़ी है.
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने शुक्रवार को कहा पोर्श कार हादसे में ये दिखाने की कोशिश की गई कि बिल्डर का 17 साल का नाबालिग बेटा कार नहीं चला रहा था और घटना के वक्त एक व्यस्क उसे चला रहा था.
पुणे के पुलिस कमिश्नर ने क्या कहा?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के पुलिस प्रमुख ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करते समय कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से चूक की ओर इशारा किया गया है और सबूत नष्ट करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने पुलिस स्टेशन के अंदर नाबालिग को तरजीह देने के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “हमारी जांच के दौरान, यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि नाबालिग लड़का ही कार चला रहा था और हमने पहले ही सभी जरुरी साक्ष्य जमा कर लिए हैं.
'विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा चला रहा था पोर्शे '
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि तकनीकी और सीसीटीवी सबूतों के आधार पर यह पुष्टि की गई है कि कार नाबालिग ही चला रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पुष्टि की है कि दुर्घटना के समय रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा पोर्शे कार चला रहा था. ब्लड के नमूनों के बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराध दर्ज होने के बाद नाबालिग को रविवार सुबह लगभग 9 बजे ससून अस्पताल भेजा गया था. ब्लड के नमूने लेने में देरी हुई लेकिन ये मामले का आधार नहीं है.
पिज्जा-बर्गर पर क्या बोले पुलिस कमिश्नर?
सीनियर पुलिस अधिकारी ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि पुलिस स्टेशन में किशोर को पिज्जा और बर्गर उपलब्ध कराए गए थे. उन्होंने कहा, ''पिज्जा पार्टी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है. ऐसी शिकायतें हैं कि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों पर दबाव डाला गया था. इस पर उन्होंने कहा, ''अगर ऐसी बातें सामने आती हैं, तो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
पोर्शे कार ने 2 इंजीनियरों को कुचला
बता दें कि रविवार (19 मई) को रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा ने अपने पोर्शे कार से दो मोटरसाइकिल सवार इंजीनियरों को कुचल दिया था. इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी. नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया, जिसने उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहते हुए जमानत दे दी. तुरंत बेल मिलने के बाद विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद उसे 5 जून तक ऑब्जर्वेशन होम में भेजा गया. वहीं नाबालिग के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
ये भी पढ़ें: