Pune: 5 जून तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे नाबालिग आरोपी के माता-पिता, बेटे को बचाने के लिए बदला था ब्लड सैंपल
Pune Porsche Car Accident Case: पुणे पोर्शे कार हादसा मामले में नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल को 1 जून को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने आगे की जांच के लिए सात दिन की रिमांड मांगी थी.
![Pune: 5 जून तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे नाबालिग आरोपी के माता-पिता, बेटे को बचाने के लिए बदला था ब्लड सैंपल Pune Porsche Car Accident Case Court Vishal Agarwal Minor Parents police custody until June 5 Tampered Blood Sample Pune: 5 जून तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे नाबालिग आरोपी के माता-पिता, बेटे को बचाने के लिए बदला था ब्लड सैंपल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/02/f4fd961f798bc4a1775ffa44802438f31717342733288957_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Pune Porsche Car Accident Case Update: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे कार हादसे की जांच अभी जारी है. इस बीच रविवार (2 जून) को नाबालिग आरोपी के माता-पिता को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. एक अदालत को बताया गया कि पोर्शे कार दुर्घटना में कथित तौर पर शामिल 17 साल के नाबालिग लड़के के माता-पिता ने पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में जाकर उसके ब्लड के नमूने के साथ छेड़छाड़ की थी. पुलिस ने 19 मई की दुर्घटना से संबंधित सबूतों को नष्ट करने के संबंध में दंपति की रिमांड की मांग करते हुए यह दावा किया.
पुणे पोर्शे कार हादसे में दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी. इस मामले में नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल को 1 जून को गिरफ्तार किया गया था, जब यह सामने आया कि लड़के के ब्लड के नमूनों को बदल दिया गया था.
नाबालिग आरोपी के मां-पिता पर सबूत नष्ट करने का आरोप
इस मामले में नाबालिग आरोपी के पिता और रियल स्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल को पहले ही सबूतों को नष्ट करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. दोनों माता-पिता को एक Holiday कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां पुलिस ने आगे की जांच के लिए सात दिन की रिमांड मांगी. पुलिस ने अदालत को बताया कि नाबालिग आरोपी के माता-पिता ने कथित तौर पर साजिश रची और कार दुर्घटना संबंधित सबूतों को नष्ट कर दिया.
ससून अस्पताल जाकर ब्लड नमूने में हेरफेर किया
पुलिस ने कहा कि अग्रवाल दंपति अपने नाबालिग बेटे के ब्लड नमूनों में हेरफेर करने के लिए ससून अस्पताल गए थे. नाबालिग के ब्लड के नमूने को उसकी मां के साथ बदल दिया गया था. पुलिस ने अदालत को बताया कि अस्पताल में सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है, लेकिन यह भी सत्यापित करने की जरूरत है कि क्या फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की गई है? पुलिस ने कहा कि उन्हें अग्रवाल परिवार के घर की तलाशी लेने की जरूरत है और यह जांचने की जरूरत है कि क्या उनके घर पर लगे सीसीटीवी के फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की गई है.
बचाव पक्ष के वकील का तर्क
वहीं, आरोपी के वकील, प्रशांत पाटिल ने तर्क दिया कि पुलिस पहले ही उनके घर की तलाशी ले चुकी है और सीसीटीवी फुटेज बरामद कर चुकी है, उन्होंने कहा कि दंपति ने जांच में सहयोग किया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए. हालाकि, अदालत ने पुलिस हिरासत दे दी. उन्होंने कहा कि दंपति पर आईपीसी की धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जो एक जमानती अपराध है. उन्होंने कहा कि ब्लड सैंपल की अदला बदली के मामले में दो डॉक्टर और एक अस्पताल कर्मचारी पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)