Pune Hit and Run Case: पुणे में पोर्शे कार हादसे के बाद अब विपक्ष ने महाराष्ट्र की शिंदे सरकार और बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. आज विपक्षी गुट के कई बड़े नेता पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर इकट्ठा होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.


पुणे कार दुर्घटना मामले को लेकर एनसीपी-एससीपी पार्टी (शरद गुट) कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है. पुणे लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर ने भी पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया है.






क्या बोले कांग्रेस उम्मीदवार?
रवींद्र धांगेकर ने कहा, "इस मामले में पुलिस अधिकारी डिफॉल्टर है और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. जो लोग मर गए उन्हें न्याय मिलना चाहिए. पुलिस कमिश्नर को सब पता है. उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. मैं यहां इसलिए हूं ताकि उन्हें पता चले कि पुणे के लोग सड़कों पर हैं."





क्या बोले नाना पटोले?
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ''महाराष्ट्र में सरकार ही असंवैधानिक है. हम सरकार बनने के बाद से ही यह बात कह रहे हैं. लगातार बीजेपी महाराष्ट्र को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है. सरकार ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है."






नाना पटोले ने आगे कहा, "सरकार जो कहती है प्रशासन उसी पर काम करता है. कल हुए बॉयलर ब्लास्ट में कई लोगों की जान चली गई. उद्धव ठाकरे सरकार ने इन्हें बंद करने का फैसला लिया था. जब से यह सरकार सत्ता में आई है, उन्होंने उन कारखानों को चालू रखा... क्योंकि वे उन व्यापारियों से पैसा ले रहे थे. इसके कारण कई लोगों की जान चली गई."


शरद गुट के पुणे एनसीपी-एससीपी अध्यक्ष प्रशांत सुदामराव जगताप ने कहा, ''पुणे आज सभी बुरे कारणों से ट्रेंड कर रहा है, दुर्घटना के बाद पुलिस पर राजनीतिक दबाव था. देवेन्द्र फडणवीस और बीजेपी ने पुणे को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने पुणे में मसाज पार्लर, डिस्को और पब की संस्कृति का समर्थन किया है. इसलिए शहर में 'माफिया राज' है. पुलिस राज्य सरकार के अधीन काम करती है. मुझे लगता है कि पुलिस को दबाव में काम नहीं करना चाहिए जैसा कि अब तक होता आया है."


जगताप ने आगे कहा, "अगर कोई राजनीतिक दबाव बनाना चाहता है तो पुलिस को नाम सार्वजनिक करना चाहिए...केवल आर्थिक मुआवजे से काम नहीं चलेगा. मुझे लगता है कि जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.''


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