Pune Porsche Car Accident Case Update: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे कार हादसे में नाबालिग आरोपी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुणे पुलिस सूत्रों की मानें तो डॉक्टर्स ने पैसे लेकर सिर्फ नाबालिग के ब्लड रिपोर्ट ही नहीं बदला था बल्कि उन्होंने रिश्वत की एवज में पिता और दादा को कमिटमेंट किया था कि मेडिकल सबंधित कोई परेशानी उन्हें नहीं होगी इसलिए उसने फिजिकल चेक अप में भी आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी. रविवार (19 मई) को तेज रफ्तार पोर्शे कार ने बाइक सवार को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी.


19 मई की सुबह एफआईआर रजिस्टर होने के बाद जब नाबालिग आरोपी को फिजिकल चेक अप के लिए अस्पताल ले जाया गया तब इस चेक अप में भी डॉक्टरों ने आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी कि ना वो शराब के नशे में है और ना ही उसके शरीर पर एक्सीडेंट से हुई किसी चोट के निशान हैं. जबकि आरोपी को तो लोगों ने पकड़कर मौका ए वारदात पर ही पिटाई की थी जो कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट में आनी चाहिए थी.


ससून अस्पताल का एक और कर्मचारी गिरफ्तार


उधर इस मामले मामले में पुणे क्राइम ब्रांच ने ससून अस्पताल के एक और कर्मचारी को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान अमित घाटकांबले के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि वह ससून अस्पताल में चपरासी के पद पर काम करता है, उसने कथित तौर पर 3 लाख रुपये की रिश्वत ली थी और एक डॉक्टर को दे दी थी. यानी इसने मूल रूप से एक व्यक्ति से दूसरे को देने के लिए रिश्वत की रकम ले जाने का काम किया था.


इससे पहले पुणे पोर्शे कार हादसे में आरोपी नाबालिग के खून के नमूने से छेड़छाड़ करने के आरोप में डॉ. श्रीहरि हार्लोर को गिरफ्तार किया गया. हालांकि बताया जा रहा है कि पुलिस हिरासत में डॉक्टर की तबीयत खराब हो गई है. इस मामले में पहले दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ लापरवाही के आरोप में कार्रवाई की गई थी. पुलिस इंस्पेक्टर राहुल जगदले और असिसटेंट पुलिस इंस्पेक्टर विश्वनाथ टोडकरी को सस्पेंड कर दिया गया. ये दोनों यरवदा पुलिस स्टेशन पर तैनात थे. इन्होंने इस घटना की जानकारी वायरलेस कंट्रोल रूम को नहीं दी थी.


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