Pune Road Accident: महाराष्ट्र के पुणे में एक भयानक हादसे की खबर है. यहां पर फुटपाथ पर सो रहे 9 लोगों को एक डंपर ने कुचल दिया, जिनमें से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है. मरने वालों में दो बच्चे शामिल हैं, जबकि घायलों में भी तीन की हालत गंभीर है. डंपर चालक नशे की हालत में बताया जा रहा है. यह घटना देर रात वाघोली के केसनंद नाके पर पुलिस स्टेशन के सामने हुई. आरोपी ड्राइवर पकड़ लिया गया है.
यह हादसा पुणे के वाघोली के केसनंद फाटा में रात 12.30 बजे के आसपास हुआ. प्रारंभिक जानकारी है कि डंपर चालक नशे में था. मरने वालों में दो मासूम वैभव रितेश पवार (उम्र 2 वर्ष) और रीनेश नितेश पवार (उम्र 3 वर्ष) शामिल हैं जबकि अन्य 6 घायल हो गए हैं. घायलों को ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
फुटपाथ पर लोगों को कुचलते हुए निकल गया डंपर
हादसे में घायल सभी लोग मजदूर हैं. वह रविवार (22 दिसंबर) की रात को ही काम के सिलसिले में अमरावती से आए थे. इस फुटपाथ पर कुल 12 लोग सो रहे थे. बाकी लोग फुटपाथ के किनारे एक झोपड़ी में सो रहे थे. भारी भरकम डंपर सीधे फुटपाथ पर चढ़ गया और सो रहे लोगों को कुचलते हुए निकल गया.
आरोपी डंपर ड्राइवर गिरफ्तार
चीख-पुकार मची तो आसपास के लोग पीड़ितों को बचाने के लिए दौड़े. इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचित किया गया. शराब के नशे में धुत्त ड्राइवर को पुणे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. मोटर व्हीकल्स एक्ट (MVA) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत उस पर केस दर्ज किया गया है. यह जानकारी पुणे सिटी पुलिस के डीसीपी जोन 4 हिम्मत जाधव ने दी है.
क्या होता है हिट एंड रन केस?
हिट-एंड-रन मामला तब होता है जब किसी वाहन का ड्राइवर किसी दूसरी गाड़ी, व्यक्ति या प्रॉपर्टी को टक्कर मार कर नुकसान पहुंचाता है और बिना जिम्मेदारी लिए मौके से भाग जाता है. इसे हिट एंड हाइड भी कहा जा सकता है क्योंकि टक्कर के बाद ड्राइवर अपना आरोप छुपाने के लिए बिना किसी को जानकारी दिए वहां से फरार हो जाता है. कई मामलों में पुलिस आरोपी को ढूंढ नहीं पाती और पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता. अब रोड सेफ्टी के लिए सड़कों पर लगे कैमरे ऐसे मामलों में काफी मदद करते हैं.
वहीं, दूसरी जिम्मेदारी जनता की भी बनती है कि अगर हिट एंड रन का मामला दिखे तो एक्सीडेंट के पीड़ितों की तुरंत मदद करें. ऐसा करने से किसी की जिंदगी बच सकती है. आरोपी के फरार होने के बाद आसपास मौजूद लोगों के लिए जरूरी है कि वे पीड़ितों को इलाज के लिए जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं.
यह भी पढ़ें: 'समाजवादी पार्टी के लोग नमाजवादी', सपा विधायक सुरेश यादव के बयान पर भड़के संजय निरुपम