200 साल का हुआ पुणे का ऐतिहासिक चर्च, पहली महिला पादरी ने भी हासिल की ये बड़ी उपलब्धि
Pune News: पुणे के सेंट मैरी चर्च में रेवरेंड सोफिया मकासारे को 2023 में पहली महिला पादरी के रूप में नियुक्त किया गया था. इस साल मार्च में वे दो साल पूरे करेंगी.

Maharashtra News: आमतौर पर गिरजाघर यानी चर्च को संभालने का जिम्मा पुरुष पादरियों को दिया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के पुणे में सेंट मैरी चर्च में महिला पादरी हैं. सेंट मैरी चर्च की पहली और सबसे कम उम्र की महिला पादरी 34 वर्षीय रेवरेंड सोफिया मकासारे हैं. उन्होंने इस पर कहा कि ज्यादातर लोग किसी बड़ी उम्र की महिला को देखने के आदी हैं, लेकिन वह अपने शांत स्वभाव और आत्मविश्वास से उन्हें आश्वस्त कर देती हैं.
रेवरेंड सोफिया मकासारे को 2023 में चर्च में पहली महिला पादरी के रूप में नियुक्त किया गया था और इस साल मार्च में वे दो साल पूरे करेंगी. सेंट मैरी चर्च पुणे डायोसिस (चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया) के अंतर्गत एक एंग्लिकन चर्च है. डेक्कन पठार के मदर चर्च के रूप में जाना जाने वाला यह चर्च पुणे और उसके आसपास तैनात ब्रिटिश सैनिकों के लिए बनाया गया था.
1825 में था ये चर्च
इसकी नींव 1825 में कलकत्ता के बिशप रेजिनाल्ड हेबर ने रखी थी और चर्च में कई युद्धों में सेवा देने वाले ब्रिटिश सैनिकों की कई स्मारकें भी हैं. इस साल यह चर्च अपनी 200वीं वर्षगांठ मनाएगा. चर्च के अधिकारियों ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की तैयारी के लिए कई बैठकें आयोजित की हैं. वहीं रेव मकासरे का कहना है कि इस समारोह का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है. उन्होंने बताया कि 200वीं वर्षगांठ के लिए मरम्मत का काम चल रहा है.
रेव मकासारे ने क्या कहा?
बता दें रेव मकासरे के पादरी बनने की यात्रा दिसंबर 2017 में शुरू हुई, जब उन्हें डेकन के रूप में नियुक्त किया गया. उन्होंने सेंट पॉल चर्च और ऑल सेंट्स चर्च में भी अपनी सेवा दी. इसके बाद 2018-2019 में उन्हें ऑल सेंट्स चर्च में प्रेस्बिटर (प्रभारी पादरी) के रूप में नियुक्त किया गया. वहीं 2021 में सेंट मैरी चर्च में एसोसिएट पादरी बनने से पहले रेव मकासरे ने बिबवेवाड़ी में यूनियन बाइबिल सेमिनरी में रेसिडेंसियल कोर्स के लिए एडमिशन लिया और धर्मशास्त्र में डॉक्टरेट की पढ़ाई की.
रेव मकासारे ने कहा, "23 मार्च 2000 को जब वह 10 साल की थीं तो यीशु मसीह की क्रूस पर मृत्यु और उनके बलिदान की कहानी ने उन पर बहुत गहरा प्रभाव डाला था. उस पल मुझे लगा कि भगवान ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और मैं इस जीवन में बस भगवान और मानवता की सेवा करना चाहती हूं."
सबसे कम उम्र की महिला पादरी बनीं
दरअसल, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) ने पिछले साल अपनी पहली महिला बिशप आरटी रेव वायलेट नायक (फूलबनी का सूबा) का स्वागत किया और बाद में छत्तीसगढ़ में अपनी दूसरी महिला बिशप आरटी रेव सुषमा कुमार को पवित्र किया. चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पुणे, सोलापुर, लातूर और उस्मानाबाद जिलों में 35 चर्च हैं और वर्तमान में कम से कम यहां छह महिला पादरी हैं. रेव मकासरे छह महिला पादरियों में सबसे कम उम्र की हैं.
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