Rahul Gandhi Disqualified News: एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द किया जाना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और एक 'निंदनीय' कदम है. उन्होंने कहा कि इस फैसले ने लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने की जरूरत है.


मालूम हो कि गुजरात के सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को एक दिन पहले मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया था, उसके एक दिन बाद यानी आज उनकी लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गयी.



किस मामले में दोषी ठहराए गए राहुल
दरअसल साल 2019 में राहुल गांधी ने 'मोदी सरनेम' का इस्तेमाल करते हुए कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते बयान दिया था. इस बयान पर गुजरात के बीजेपी के एक नेता ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था, जिसको लेकर कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए राहुल को दो साल की सजा सुनाई. हालांकि कोर्ट ने उन्हें तुरंत जमानत दे दी और सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया ताकि वे यदि चाहें तो कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपनी कर सकें.


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शरद पवार ने पार्टी के एक अन्य नेता को हुई सजा का किया जिक्र
एनसीपी प्रमुख ने लक्षद्वीप से अपनी पार्टी के सांसद मोहम्मद फैजल पी पी को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य ठहराए जाने का भी जिक्र किया. फैजल की सजा को बाद में केरल हाई कोर्ट ने निलंबित कर दिया था.


'लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें एक साथ खड़े होने की जरूरत'
एक के बाद एक ट्वीट कर शरद पवार ने कहा कि हमारा संविधान प्रत्येक व्यक्ति को निष्पक्ष न्याय, विचार की स्वतंत्रता, स्थिति और अवसर की समानता और प्रत्येक भारतीय की गरिमा सुनिश्चित करने वाले बंधुत्व के अधिकार की गारंटी देता है. उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने की जरूरत है.