Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) ने गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. सुनवाई सुबह करीब 10.30 बजे विधानमंडल परिसर में शुरू हुई. यह दोपहर 2 बजे तक जारी रही. बताया जा रहा है कि कुल 34 याचिकाओं पर सुनवाई हुई.


दोनों गुटों का प्रतिनिधित्व उनके वकील कर रहे हैं. शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वकील अनिल साखरे ने पत्रकारों को बताया कि उनकी टीम को दूसरे पक्ष से प्रासंगिक दस्तावेज नहीं मिले हैं. उधर, उद्धव ठाकरे गुट के विधायक रवींद्र वायकर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि शिंदे समूह का दावा उसकी 'देर करने' की रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि यह स्पीकर का काम है कि वह दोनों पक्षों को सभी प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि ठाकरे गुट चाहता है कि सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ दिया जाए.


वायकर ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु द्वारा जारी व्हिप को वैध माना है. सुनवाई अगले सप्ताह फिर से शुरू होगी. बता दें कि स्पीकर नारवेकर ने सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों को नोटिस जारी किया था जबकि ठाकरे गुट के 14 विधायकों से भी अय़ोग्यता याचिका पर जवाब मांगा गया था.


54 विधायकों के खिलाफ जारी हुए थे नोटिस
सीएम शिंदे और शिवसेना-यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे समेत कुल 54 विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे लेकिन पिछले साल शिवसेना के विभाजन के बाद शिवसेना यूबीटी के विधायक रुतुजा लटके के खिलाफ नोटिस जारी नहीं किया गया. वहीं सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में सीएम शिंदे और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी.  उधर, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे. कोर्ट ने यह भी कहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार को बहाल नहीं किया जा सकता क्योंकि ठाकरे ने बिना फ्लोर टेस्ट का सामना किया इस्तीफा दे दिया था. 


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