Maharashtra Shiv Sena Political Crisis: महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे में साहस हो तो बताएं कि शिवसेना विधायकों से संबंधित अयोग्यता याचिका पर उनके फैसले में क्या गैरकानूनी था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नार्वेकर को दलबदल विरोधी कानून की समीक्षा करने के लिए बनाई गई समिति का प्रमुख बनाया था जिसके बाद ठाकरे ने नार्वेकर की आलोचना की थी.


उद्धव ठाकरे ने साधा था निशाना
ठाकरे ने सवाल किया था कि क्या यह कदम देश में ‘‘लोकतंत्र को खत्म करने की दिशा में अगला कदम है’’, वहीं उनके बेटे और प्रदेश के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा था कि नार्वेकर को इसलिए समिति की अगुवाईका काम तो नहीं सौंपा गया है क्योंकि उन्हें पांच साल की अवधि में तीन दलों में शामिल होने का अनुभव है.


राहुल नार्वेकर के फैसले पर उद्धव गुट का बयान
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र अव्हाड ने भी नार्वेकर को उक्त समिति का प्रमुख बनाने के कदम की आलोचना की थी. नार्वेकर ने अपने जवाब में कहा, ‘‘मेरे खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां करने के बजाय उद्धव जी और अव्हाड के पास यह साबित करने का साहस नहीं है कि मैंने जो फैसला (अयोग्यता याचिकाओं पर) लिया, उसमें क्या गैरकानूनी है. संजय राउत को लेकर तो साहस का सवाल ही नहीं उठता.’’


एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया
बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था. इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा था. इस फैसले के बाद उद्धव गुट ने नार्वेकर पर जमकर निशाना साधा था और उनके नतीजे पर सवाल खड़े किए थे. अब ये पहली बार है जब राहुल नार्वेकर ने मुखरता से शिवसेना (UBT) से सवाल पूछा है.


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