Shiv Sena MLAs Disqualification Case: विधायक अयोग्यता सुनवाई मामले में ठाकरे गुट ने शिंदे गुट के खिलाफ एक और कदम उठाया है. ठाकरे गुट ने एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है, जिसमें ये पांच बिंदु शामिल हैं. इसलिए, ठाकरे समूह का दावा है कि वे इस आधार पर संयुक्त सुनवाई कर सकते हैं. ठाकरे गुट की दलील थी कि इस मामले में जिरह की जरूरत नहीं है.


सुनवाई में क्या हुआ?
शिवसेना ठाकरे गुट की ओर से वकीलों के माध्यम से बहस करते हुए एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दायर सभी याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई करने का अनुरोध किया गया. चूंकि इन सभी याचिकाओं का विषय एक ही है, इसलिए इन पर सुनवाई करना आसान होगा. ठाकरे समूह ने तर्क दिया कि अनुसूची 10 के अनुसार संयुक्त सुनवाई के बाद तत्काल निर्णय लिया जाना चाहिए. 


शिंदे गुट ने क्या-क्या दलीलें दी?
शिवसेना (शिंदे समूह) ने दलील दी कि इन याचिकाओं में खामियां हैं और हम इन सभी याचिकाओं के संबंध में सबूत पेश करना चाहते हैं, इसलिए सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. क्या 13 अक्टूबर तक विधानसभा अध्यक्ष की सभी याचिकाओं पर एक साथ होगी सुनवाई? इस संबंध में निर्णय लिया जायेगा. ठाकरे समूह ने कहा कि चूंकि कुछ विधायकों का जवाब विधानसभा अध्यक्ष के पास आ गया है, इसलिए जल्द ही इस पर फैसला लिया जाना चाहिए.


इन पांच बिंदुओं पर जोर
ठाकरे समूह ने एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है, जिसमें पांच बिंदु शामिल हैं. इसलिए, ठाकरे समूह का दावा है कि वे इस आधार पर संयुक्त सुनवाई कर सकते हैं. इसके अलावा, ठाकरे समूह ने तर्क दिया कि जिरह की कोई आवश्यकता नहीं है. 


1- राज्यपाल ने बहुमत साबित करने को लेकर सत्ताधारियों को पत्र भेजा.
2- 30 जून को मुख्यमंत्री ने शपथ ली.
3- सुप्रीम कोर्ट ने व्हिप की नियुक्ति पर आपत्ति जताई.
4- दोनों गुटों द्वारा दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया है. दोनों गुटों के दस्तावेज विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं
5- सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजों के दस्तावेज उपलब्ध हैं.


इसलिए, ठाकरे समूह से अनुरोध किया गया है कि इन मुद्दों पर जिरह किए बिना समय बर्बाद किए बिना जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए. अगली सुनवाई प्रक्रिया को लेकर विधानसभा अध्यक्ष जल्द ही कार्यक्रम की घोषणा करेंगे.


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