लंबे समय बाद साथ आए ठाकरे बंधु, मुंबई में साथ खड़े दिखे उद्धव और राज ठाकरे, सामने आई तस्वीर
Maharashtra News: मुंबई के दादर में शादी समारोह में MNS प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे समेत उनका पूरा परिवार एक साथ नजर आया. मौके पर आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे भी मौजूद रहे.
Raj Thackeray And Uddhav Thackeray News: महाराष्ट्र में एक पारिवारिक शादी में ठाकरे बंधुओं की मुलाकात हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और MNS प्रमुख राज ठाकरे मुंबई में एक शादी समारोह में एक साथ नजर आए. राज ठाकरे की बहन जयवंती ठाकरे-देशपांडे के बेटे की शादी समारोह में दोनों भाई साथ दिखे.
एबीपी माझा के मुताबिक इस शादी समारोह में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे समेत उनका पूरा परिवार एक साथ नजर आया. इस मौके पर आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे, रश्मी ठाकरे भी मौजूद रहे.
दादर में शादी समारोह में साथ दिखे उद्धव और राज ठाकरे
शादी का आयोजन मुंबई के दादर स्थित राजे शिवाजी विद्यालय में किया गया था. इस बार शादी में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का परिवार मौजूद रहा. शादी में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच कुछ बातचीत भी हुई. हाल ही में राज ठाकरे रश्मि ठाकरे के भतीजे की शादी में शामिल हुए थे.
विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे का प्रदर्शन बेहद खराब
महाराष्ट्र में अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (UBT) ने 20 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि 128 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली राज ठाकरे की पार्टी मनसे को एक भी सीट पर किसी भी उम्मीदवार को जीत हासिल करने में सफलता नहीं मिली. दोनों ठाकरे भाइयों के राजनीतिक अस्तित्व पर सवाल खड़ा हुए. इस पृष्ठभूमि में चर्चा शुरू हो गई है कि मुंबई नगर निगम चुनाव से पहले ठाकरे बंधुओं को एक हो जाना चाहिए.
ठाकरे ब्रांड को बचाने साथ आएंगे राज और उद्धव ठाकरे?
ऐसा कहा जा रहा है कि मराठी भाषी लोग चाहते हैं कि ठाकरे बंधुओं को एक साथ आना चाहिए. विधानसभा चुनाव में MNS और ठाकरे गुट के आमने-सामने होने के बाद अब मीडिया में दोनों ठाकरे भाइयों राज और उद्धव के एक साथ आने की चर्चा शुरू हो गई है. मनसे और ठाकरे गुट के कुछ जमीनी कार्यकर्ता भी निजी तौर पर इस बारे में बात कर रहे हैं कि दोनों को साथ आना चाहिए.
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने भी उद्धव ठाकरे की कड़ी आलोचना की थी. बहरहाल यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि अगर मराठी मुद्दे पर ठाकरे बंधु एक साथ आते हैं तो क्या इससे आगामी बीएमसी चुनाव में दोनों को फायदा होगा?
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