Raj Thackeray on Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियक्ति को लेकर अहम फैसला दिया है. कोर्ट के अनुसार अब इनकी नियुक्ति सीधे केंद्र सरकार नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा के विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस के द्वारा सिफारिश करने के बाद राष्ट्रपति करेंगे. कोर्ट के अनुसार इस बारे में जब तक संसद से कानून पारित नहीं हो जाता तब तक मौजूदा व्यवस्था चालू रहेगी. इसे लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने बयान दिया है. राज ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.
राज ठाकरे का ट्वीट
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि मनसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नए कानून को लेकर प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टीस की सिफारिश पर राष्ट्रपित द्वरा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जानी चाहिये. इसके आगे ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वायत्तता बनी रहनी चाहिए.
बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आईयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं. इन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर सैलरी मिलती है. इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 साल तक की उम्र तक सीमित है. मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने के लिये संसद में महाभियोग लाना होता है उसके बाद उन्हें हटाया जा सकता है. चुनाव आयोग को लेकर समय-समय पर देश में एक बहस उठती रहती है.
कांग्रेस समेत कई विपक्ष पार्टियों ने भी कई बार चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चुनाव आयोग जैसे लोकतांत्रिक संस्था पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा. जस्टिस के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा है कि लोकतंत्र में लोगों का भरोसा बना रहना जरूरी है. ऐसा तभी हो सकता है, जब चुनाव आयोग का कामकाज उन्हें विश्वसनीय लगे.