लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली से महाराष्ट्र तक सियासी हलचल तेज है. एनडीए को एक और साथी मिलने की उम्मीद है. दिल्ली में अमित शाह से एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, राज ठाकरे लोकसभा की दो सीटें मांग रहे हैं. एमएनएस को साउथ मुंबई सीट मिल सकती है.


राज ठाकरे NDA के लिए कैसे खास?


राज ठाकरे के आने से मराठी वोटर्स का रुझान बढ़ने की उम्मीत है. एमएनएस के 2.25 फीसदी वोट बैंक पर नजर है. वहीं, उद्धव ठाकरे को मिल रही सहानुभूति कम हो सकती है. एनडीए को राज ठाकरे की तेज तर्रार छवि का फायदा मिलने की उम्मीद है. हिंदुत्व की छवि से वोटर्स खींचे आ सकते हैं.


महाराष्ट्र में राज ठाकरे का प्रभाव


2019 लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. उन्होंने एनडीए के खिलाफ प्रचार किया था. पिछले लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे और बीजेपी साथ में चुनाव लड़े थे. 2019 विधानसभा चुनाव में 101 सीटों पर राज ठाकरे ने उम्मीदवार उतारे थे. सिर्फ एक सीट कल्याण ग्रामीण जीती थी. 86 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. एमएनस को 2.25 फीसदी वोट मिले थे. 


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2009 में MNS के 13 विधायक जीते थे


2014 लोकसभा चुनाव में एमएनएस को 1.5 फीसदी वोट मिले. 2014 विधानसभा चुनाव में एमएनएस को 3.1 फीसदी वोट मिले. 2009 लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. 2009 विधानसभा चुनाव में एमएनएस के 13 विधायक जीते थे और पार्टी को 5.71 फीसदी वोट मिले थे.


इस बीच शरद पवार की पार्टी ने राज ठाकरे की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि पहले से ही उनकी बीजेपी से निकटता के संकेत थे. क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि मनसे नेता ठाकरे केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं और वह अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश करते रहे हैं. शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के नेता ने दावा किया कि ठाकरे की मनसे लड़खड़ा रही है और बैठक उन्हें बचा सकती है तथा उनकी पार्टी की रक्षा कर सकती है.