Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) के पास 2024 के लोकसभा चुनावों में समर्थन के लिए बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेताओं का लगातार आना जारी है. महाराष्ट्र में मौजूदा वक्त में राज ठाकरे की पार्टी राजनीति में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं है, इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में समर्थन के लिए बीजेपी और शिवसेना के नेता लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं. 


इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण से शिवसेना के उम्मीदवार श्रीकांत शिंदे ने भी राज ठाकरे से मुलाकात की. एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के नेता और ठाणे से उम्मीदवार नरेश म्हस्के ने भी MNS सुप्रीमो राज ठाकरे से उनके शिवाजी पार्क स्थित आवास पर मुलाकात की थी.


राज ठाकरे से क्यों मिल रहे बीजेपी-शिवसेना नेता?


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वकील से नेता बने उज्ज्वल निकम, जिन्हें बीजेपी ने मुंबई उत्तर मध्य से मैदान में उतारा है, ने भी MNS प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी और शिवसेना, जो अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्तारूढ़ महायुति में शामिल हैं, पिछले कुछ समय से राज ठाकरे ठाकरे को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. राज ठाकरे ने साल 2006 में एमएनएस की स्थापना की थी. 


पिछले महीने मुंबई में एमएनएस की वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली के दौरान राज ठाकरे ने कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की थी. उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के लिए प्रचार करने को भी कहा था.


राज ठाकरे सियासत में कितने सफल?


मराठी मानुष के मुद्दे का समर्थन करते हुए राज ठाकरे की पार्टी मनसे साल 2009 के लोकसभा चुनावों में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही थी. हालांकि बीजेपी-शिवेसना का वोट काटने में कुछ हद तक कामयाबी मिली. राज्य भर में, विशेषकर मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक में शिव सेना-बीजेपी के वोटों में सेंध लगाने में सफल रही.  इसके बाद 2009 के विधानसभा चुनावों में, मनसे ने 'मराठी मानुष' के मुद्दे पर 13 सीटें जीतकर अपना सबसे शानदार पल बिताया.


राज ठाकरे की पार्टी MNS साल 2014 के लोकसभा चुनावों में एक सीट भी जीतने में विफल रही, और 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में इसकी संख्या एक-एक रही. पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा. राजनीतिक टिप्पणीकार प्रकाश अकोलकर ने कहा कि हालांकि राज ठाकरे को चुनावी सफलता नहीं मिली है, लेकिन वह एक बड़ा चेहरा हैं जो शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ आक्रामक रूप से बोलते हैं. उद्धव महा विकास अघाड़ी शामिल हैं. MVA में कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) भी शामिल है.


राजनीति के जानकार क्या कहते हैं?


महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ता कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार कर रहे हैं. राजनीतिक टिप्पणीकार प्रकाश अकोलकर ने कहा, वे (महायुति) एक ऐसा चेहरा चाहते हैं जो उद्धव ठाकरे को चुनौती दे सके. अकोलकर ने कहा कि राज ठाकरे की वक्तृत्व कौशल, करिश्मा और यहां तक ​​कि मीडिया में जगह बनाने की उनकी क्षमता पर किसी को संदेह नहीं है. 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर MNS प्रमुख राज ठाकरे रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के लिए शनिवार को एक रैली करेंगे. राज ठाकरे की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी एक रैली करने की उम्मीद है.


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