BJP MNS Alliance: लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी को लगे झटके के बाद राज ठाकरे की पार्टी एमएनए ने बड़ा फैसला लिया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने गुरुवार (13 जून) को कहा कि वह महाराष्ट्र में अकेले लड़ेगी. बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति से कोई बातचीत नहीं होगी. इसी के साथ राज ठाकरे ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.


मनसे नेता बाला नंदगावकर ने राज ठाकरे के नेतृत्व में हुई बैठक के बाद कहा, ''पूरे राज्य से पदाधिकारी आए थे सबको संबोधित किया गया. सबको विधानसभा चुनाव की तैयारी के आदेश दिए गए हैं. महायुति की कोई बातचीत नहीं चल रही है लोकसभा के दौरान हमने बाहर से समर्थन दिया था, अब विधानसभा की बारी है तो हमने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, 200 से 250 सीट पर चुनाव लड़ेगे.'' 


राज ठाकरे के स्ट्राइक रेट की चर्चा


नंदगावकर ने कहा, ''राज ठाकरे ने जहां भी सभा की हर जगह से एनडीए के उम्मीदवार जीतकर आए , ऐसा नहीं है कि उन्हें मनसे के साथ फायदा नहीं हुआ है, हर जिले में हमारे 25 हजार से ज्यादा वोटर तो हैं ही.''


उन्होंने बीजेपी और अजित पवार के बीच गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों पर कहा, कोई भी पार्टी निर्णय लेती है तो सोच विचार कर लेती है, अगर वो जीतते तो यह बयान नहीं आता. सरकार तो उनकी बनी ही है , जो जीते हैं तो हारे जैसा महसूस कर रहे हैं, जो हारे हैं वो जीते जैसा खुश हैं.


बाला नंदगावकर ने कहा, ''जब से पार्टी का गठन हुआ है मनसे ने अकेले चुनाव लड़ा है, लड़ते आए हैं और आगे भी लड़ेंगे , महायुति से कोई बात नहीं है, आगे का आगे देखेंगे.''


लोकसभा चुनाव के समय क्या हुई बात?


बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय राज ठाकरे ने बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी से गठबंधन तो नहीं किया था, लेकिन उन्होंने समर्थन दिया. राज ठाकरे ने कई रैलियां की. 


चुनाव प्रचार से पहले राज ठाकरे की बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें हुई थी. इसके बाद दावा किया गया कि राज ठाकरे ने दो सीटें मांगी है, हालांकि बीजेपी उन्हें एक ही सीट देना चाहती थी. ऐसे में गठबंधन नहीं हो सका.


माना गया कि बीजेपी समर्थन को लेकर राज ठाकरे को विधानसभा में रिटर्न गिफ्ट दे सकती है. लेकिन रिजल्ट के बाद से समीकरण बदल गए हैं. पिछले दिनों राज ठाकरे पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं पहुंचे थे. जबकि उन्हें निमंत्रण दिया गया था. मनसे नेताओं ने कहा कि उन्हें समर्थन का उचित सम्मान नहीं मिला. 


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