Maharashtra News: महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के एक कदम ने सियासी पारा चढ़ा दिया. वहीं मनसे पार्टी के चीफ राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने इस पूरे घटनाक्रम को ही सियासी ड्रामा करार दिया था. राज ठाकरे ने कहा कि, एनसीपी के बड़े नेता पार्टी से जा रहे हों और ऐसा कैसे हो सकता है कि यह बात शरद पवार को पता न हो. वहीं राज ठाकरे के इस बयान को लेकर टाइम्स नाउ नवभारत ने एक सर्वे किया जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. 


दरअसल, राज ठाकरे ने कहा था कि, एनसीपी में टूट शरद पवार का रचाया हुआ सियासी ड्रामा है. वहीं इसपर 44 प्रतिशत लोगों का भी मानना है कि, ये सियासी टूट शरद पवार का रचाया हुआ है. वहीं 28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि, ऐसा कुछ नहीं हो सकता है. इसके साथ ही 28 फीसदी लोगों का मानना है कि राजनीति में कुछ भी संभव है. वहीं एक दूसरे सवाल कि असली एनसीपी किसकी है तो इसपर एक अन्य सर्वे में भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. इसमें शरद पवार को 66% लोगों ने एनसीपी का असली मुखिया माना तो वहीं अजित पवार को महज 25% लोगों ने वोट किया.


राज ठाकरे ने क्या कहा था?
यह महाराष्ट्र में एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच दादा कहे जाने वाले अजित पवार के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है. हालांकि महज 9% लोगों ने कहा कि वह कह नहीं सकते कि एनसीपी किसकी है. बता दें कि, मनसे चीफ ने मुंबई स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि,'देखिए एक बात समझने लायक है कि शरद पवार भले ही ये क्यों न बोलते हों कि उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है. चाहे वो दिलीप वलसे पाटिल हो या प्रफुल्ल पटेल या छग्गन भुजबल हो ये लोग ऐसे ही नहीं जाएंगे पार्टी से. कल को सुप्रिया सुले केंद्र में मंत्री बन जाएंगी तो भी मुझे आश्चर्य नहीं होगा. इन सभी चीजों की शुरुआत सुबह की शपथ विधि से हुई फिर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की पार्टी हुई. इसीलिए दुश्मन कौन दोस्त कौन? महाराष्ट्र में तो कुछ बचा ही नहीं है.'



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