Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ दिन पहले हुए बड़े बदलाव से हलचल मची हुई है. इस बीच राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का कहना है की उसने दो बार उद्धव ठाकरे को गठबंधन का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, संदीप देशपांडे ने कहा है कि उद्धव ठाकरे गुट समूह ने मनसे के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. 


क्या बोले मनसे नेता संदीप देशपांडे
मनसे ने दो बार उद्धव ठाकरे को गठबंधन का प्रस्ताव दिया था. जिसे उद्धव ठाकरे गुट ने नहीं माना। एमसीपी नेता अजित पवार अपने कुछ विधायकों के समर्थन से एनसीपी में बगावत करके NDA में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली और एक बार फिर राज्य की राजनीति में बड़ा मोड़ आ गया. 


राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एकजुट होने की चर्चा
ऐसे में राज्य के सियासी गलियारों में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक हो जाने की चर्चा चल रही हैं. कुछ दिन पहले मनसे की बैठक में भी मनसे पदाधिकारियों ने यही बात उठायी और इसके पोस्टर-बैनर भी दिखाई दिए थे.


संदीप देशपांडे का निशाना?
एबीपी माझा से बात करते हुए संदीप देशपांडे ने कहा, मनसे ने दो बार उद्धव ठाकरे को एकजुट होने का प्रस्ताव भेजा था, यहां तक की, ठाकरे गुट ने MNS (मनसे) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. साथ ही हमने हाथ भी फैलाए लेकिन ठाकरे ने ताली बजाने से इनकार कर दिया. संदीप देशपांडे ने ये भी कहा कि हम लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका आखिरी  फैसला राज ठाकरे लेंगे. 


राज और उद्धव आएंगे एकसाथ?
इससे पहले दोनों ठाकरे के एक साथ आने की चर्चा चल रही थी, चाहे वह 2017 का नगर निगम चुनाव हो या उसके बाद होने वाला विधानसभा चुनाव. जिस वक्त राज ठाकरे ने खुलेआम हाथ बढ़ाया था, उस वक्त उद्धव ठाकरे ने कोई जवाब नहीं दिया था. रणनीति के तहत राज ठाकरे से अनुरोध किया कि अब सही समय है. जनता की भावना है कि मराठी लोगों की पहचान को बनाए रखने के लिए ठाकरे को एकजुट होना चाहिए. उनसे अनुरोध किया गया है कि कार्यकर्ता जो कह रहे हैं उस पर विचार करे.


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