Pune Bypoll 2023: पुणे में इस समय उपचुनाव के लिए प्रचार (Pune Bypoll Election) चल रहा है. ऐसे में पुणे में मनसे ( MNS) के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. मनसे के 7 पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया गया है. इसके बाद ये खबर सामने आ रही है की 50 मनसे कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. मनसे ने उपचुनाव में बिना प्रत्याशी खड़े किए भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया है. लेकिन कसबा विधानसभा क्षेत्र के सात मनसे कार्यकर्ताओं ने दूसरे उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. राज ठाकरे को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है क्योंकि एक साथ 50 पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी है.
राज ठाकरे के 50 वर्कर्स ने दिया इस्तीफा
मनसे ने पुणे में कसबा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है. कुछ मनसे कार्यकर्ता कसबा के कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र धंगेकर के प्रचार में शामिल हो गए थे. पार्टी के स्थानीय नेताओं को सूचना मिली कि धंगेकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लिहाजा नगर अध्यक्ष ने पत्र जारी कर 7 लोगों को निष्कासित कर दिया है. उसके तुरंत बाद 50 लोगों ने इस्तीफा दे दिया. मनसे ने कसबा उपचुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया है. लेकिन यह साफ कर दिया गया कि वह प्रचार नहीं करेंगे. मनसे की ओर से कहा गया कि बीजेपी उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा वोट दिलाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करें.
इन पदाधिकारियों का मनसे से निष्कासन
मनसे ने कसबा में महाविकास अघाड़ी को बढ़ावा देने के लिए रवींद्र खेडेकर, सागर पंगारे, गोपी घोरपड़े, अनिल चंदंगे, रिजवान बागवान, प्रकाश धामधेरे और नीलेश निकम को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से निष्कासित कर दिया था. उसके बाद जानकारी सामने आई है कि मनसे के 50 कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता और पदों से अपना इस्तीफा नगर अध्यक्ष साईनाथ बाबर को भेज दिया है. मनसे के इस रुख से बीजेपी को बड़ा झटका लगने की संभावना है.