Rajya Sabha Election 2024 Date: लोकसभा चुनाव में सात राज्यों की 10 लोकसभा सीटों पर राज्यसभा सांसदों ने जीत हासिल की है. इसके बाद इन सांसदों के राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देने से उच्च सदन की 10 सीटें खाली हो गई हैं. ऐसे में इन सीटों में से सात सीटें बीजेपी के पास, दो सीटें कांग्रेस के पास और एक सीट RJD के पास थी.


रिक्त हुई सीटों में से महाराष्ट्र की दो सीटें भी शामिल है. हालांकि चुनाव आयोग ने अब तक इन 10 राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव जल्द होना तय है. इन चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA और विपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है. खास तौर पर महाराष्ट्र में महुयुति में आपस में ही जमकर रस्साकशी होने के आसार हैं.


लोकसभा चुनाव में जीते राज्यसभा सदस्यों में तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं. महाराष्ट्र की मुंबई उत्तर सीट से पीयूष गोयल की सीट पर और सतारा की उदयनराजे भोसले की सीट पर बीजेपी किसी को उम्मीदवारी देगी तो वहीं, प्रफुल्ल पटेल ने इस्तीफा दे दिया था और उनकी खाली जगह पर कल अजित पवार की पत्नी और बारामती से चुनाव हार चुकी सुनेत्रा पवार ने नामांकन भरा है.


नारायण राणे ने लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था, जिससे कांग्रेस से बीजेपी में शामिल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को रत्नागिरी से राज्यसभा भेजा गया. 


राज्यसभा सांसदों का चुनाव राज्यों में विधायकों की ओर सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम के जरिए किया जाता है. विधायक हर सीट के लिए वोट नहीं कर सकते हैं. इसकी जगह विधायकों को अपनी पसंद के क्रम में अलग-अलग उम्मीदवारों को वोट देना होता है. 


यही कारण है कि राज्यसभा में चुने जाने की संभावना राज्य में पार्टी विशेष के विधायकों की संख्या पर निर्भर करेगा, हालांकि, यदि विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं तो स्थिति बदल सकती है. महाराष्ट्र में 'इंडिया' एलायंस राज्यसभा में सीट पाने के लिए उतना मजबूत नहीं है, जिसके चलते वो अपने उम्मीदवार नहीं रखेंगे. ऐसा लग रहा है, महायुति यानी बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के पास 218 तो वहीं महाविकास आघाड़ी के पास महज 78 विधायक ही हैं.


ऐसे में अब एनसीपी अजित पवार को केंद्रीय मंत्री का पद नही मिल पाया है. ऐसे में महायुति में बीजेपी से उन्होंने सातारा राज्यसभा सीट की मांग की है जिस पर बातचीत जारी है.


ये भी पढ़ें: Success Story: पढ़ाई में गरीबी नहीं बनी बाधा, दर्जी के बेटे ने 24 साल की उम्र में पास की चार प्रतियोगी परीक्षाएं