Ramdas Athawale On Mahayuti CM Face: महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की भारी जीत के बाद नई सरकार बनने का इंतजार है. सीएम के चेहरे को लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि बीजेपी का हाईकमान तय करेगा कि प्रदेश में कौन मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने ये भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाया जाएगा.


मुंबई में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा, ''मुख्यमंत्री रहते हुए भी देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में डिप्टी CM पद स्वीकार किया था. अब वैसे ही एकनाथ शिंदे को भी डिप्टी CM पद स्वीकार करना चाहिए. शिवसेना को कोई मार्ग निकालना चाहिए. बड़ा निर्णय लेने से अच्छा है कि छोटा निर्णय लें.''


एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को सबक सिखाया- रामदास अठावले


उन्होंने आगे कहा, ''एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को सबक सिखाया है. शिंदे को आगे मौका मिलेगा. क्या पता वह फिर से मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन अभी बीजेपी के पास अच्छा समर्थन है तो मुख्यमंत्री तो बीजेपी का ही बनना चाहिए. हमारी पार्टी का भी अपमान होता आया है. अभी गृहमंत्री अमित शाह जी से महायुति के सभी नेता मिले लेकिन हमें नहीं बुलाया गया. हम भी अपमान सहते हैं लेकिन हमारी पार्टी बीजेपी के साथ है. 


सरकार में हमें एक मंत्री पद चाहिए- अठावले


केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार में हमें एक मंत्री पद चाहिए. अब फडणवीस जी क्या करते हैं, यह उनका निर्णय होगा. मुंबई के डिप्टी मेयर का पद भी हमारी पार्टी को मिलना चाहिए. 


भाई जगताप के बयान पर क्या बोले रामदास अठावले?


भाई जगताप के बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले कहा, ''भाई जगताप को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. भाई जगताप को माफ़ी मांगनी चाहिए. अगर वह माफ़ी नहीं मांगते हैं तो उनपर क़ानूनी करवाई होनी चाहिए. लोकसभा चुनाव में जब उन्हें महाराष्ट्र में हमसे ज्यादा सीटें मिली थी, तब हमने तो चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठाए.


उन्होंने आगे कहा, ''चुनाव आयोग पर ऐसी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. महाराष्ट्र की जनता ने हमें भरपूर समर्थन दिया है. लोकसभा चुनाव में लोगों को लगा था कि पीएम नरेंद्र मोदी जी संविधान बदल सकते हैं लेकिन जनता अब हमारे साथ है.''


बता दें कि महायुति ने 288 में से 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी. बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीट जीतीं.


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