Maratha Reservation: रामदास अठावले ने मनोज जरांगे का किया समर्थन, मराठा कोटा को लेकर महाराष्ट्र सरकार को दिए ये सुझाव
Ramdas Athawale on Maratha Reservation: रामदास अठावले ने मनोज जरांगे का समर्थन करते हुए कहा, वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं.

Ramdas Athawale Statement: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मराठों को आरक्षण प्रदान करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक अलग श्रेणी बनाने का गुरूवार को समर्थन किया और समुदाय की आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने का महाराष्ट्र सरकार को सुझाव दिया. आठवले ने कहा कि वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं और इस संबंध में कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा शुरू किए गए आंदोलन का भी समर्थन करते हैं.
क्या कुछ बोले अठावले?
वह एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुंबई से लगे पालघर जिले के अपने दौरे के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यदि आरक्षण दिया जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मराठा समुदाय में सभी को इसका लाभ मिलेगा क्योंकि ‘क्रीमी लेयर’ मानदंड लागू होगा और केवल वे लोग जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है, आरक्षण के दायरे में आएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमारा रुख यह है कि मराठा समुदाय के सदस्यों को आरक्षण देते समय ओबीसी प्रभावित नहीं होना चाहिए. इसलिए, उनकी आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए (ओबीसी की) एक अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए.’’
मनोज जरांगे का भुजबल पर निशाना
मनोज जरांगे ने मंत्री छगन भुजबल को 'पनौती' (अपशकुन) कहा और उन पर राज्य में जातिवादी अशांति फैलाने का आरोप लगाया. जरांगे लगभग चार महीनों से मराठा आरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं, जबकि भुजबल ने ओबीसी श्रेणी से मराठा आरक्षण को अलग करने की उनकी मांग का पुरजोर विरोध किया है. दोनों समूहों के सीधे टकराव की स्थिति में भुजबल गुरुवार को नासिक में बारिश से प्रभावित कुछ इलाकों के सर्वेक्षण पर गए, जहां उन्हें किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा.
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