Mumbai Dahi Handi 2024: मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी के बाद गोविंदाओं में आज दही हांडी उत्सव की धूम है. लोग जगह-जगह इस उत्सव का आयोजन कर रहे हैं. विजेताओं को लाखों का इनाम भी मिल रहा है. दही हांडी के कार्यक्रम को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का बयान सामने आया है.
रामदास अठावले ने कहा, आज मुझे खुशी है.. मैं काफी सालों से यहां आ रहा हूं. यहां भारत की सबसे बड़ी दही हांडी होती है. आगामी विधानसभा में एमवीए की हांडी महायुति फोड़ेगी. हमें विधानसभा में 10 सीट मिले यह हमारी अपेक्षा है. उद्धव ठाकरे कुछ भी हैं...उन्होंने तो संजय राउत को उल्टा-सीधा बोलने के लिए रखा है.
सिंधुदुर्ग मामले को लेकर रामदास अठावले ने कहा, यह गंभीर विषय है. जांच हो रही है. जिन्होंने बनाया उन्हें हवा की जांच करनी चाहिए. इस बीच अठावले ने संजय राउत के बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. राउत ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को लेकर शिंदे सरकार पर हमला बोला था.
मुख्यमंत्री शिंदे के इस बयान का जिक्र करते हुए कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण प्रतिमा गिरी, राउत ने कहा कि तटीय क्षेत्रों पर हवा तेज ही चलती है. प्रशासन अब बहाने बना रहा है कि हवा तेज थी, लेकिन सच तो यह है कि हवा उनके दिमाग में घुस गई है. पलटवार करते हुए अठावले ने कहा, सरकार के दिमाग में नहीं...हवा हमारे आस पास है.
पीटीआई के अनुसार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की और प्रतिमा के निर्माण में घोटाले का आरोप लगाया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि औरंगजेब और मुगलों ने भी शिवाजी महाराज का इस तरह अपमान नहीं किया था. सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा सम्राट की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे गिर गई. पिछले साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस पर इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था.
राउत ने संवाददाताओं बातचीत में मराठा साम्राज्य के संस्थापक की प्रतिमा के गिरने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि इसे राजनीतिक उद्देश्य से स्थापित किया गया था.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए, हम मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री रवींद्र चव्हाण से विभाग वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने शिवाजी महाराज को भी नहीं बख्शा और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे.’’