'PM मोदी का आत्मविश्वास खत्म हो गया', राहुल गांधी की टिप्पणी पर अठावले, 'ऐसे बयानों में...'
Maharashtra Politics: रामदास अठावले ने कहा कि मनोवैज्ञानिक रूप से राहुल गांधी टूट सकते हैं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी को नहीं तोड़ा जा सकता. राहुल गांधी का बयान पूरी तरह गलत है.
Maharashtra News: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में चुनावी रैली में दावा करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले जैसे नहीं रहे, उनकी साइकोलोजी को हमने तोड़ दिया है. राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) की प्रतिक्रिया आई है. अठावले ने कहा कि राहुल गांधी को मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ा जा सकता है लेकिन पीएम मोदी मजबूत हैं.
रामदास अठावले ने कहा, ''राहुल गांधी का बयान गलत है. मोदी जी तो मोदी जी हैं और वह मोदी जी ही रहेंगे. ऐसे बयानों में कोई सच्चाई नहीं है कि मोदी जी को मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ दिया गया है. राहुल गांधी को मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ा जा सकता है लेकिन नरेंद्र मोदी मजबूत नेता हैं.''
#WATCH | Union Minister Ramdas Athawale says, " His statement is wrong, Modiji is Modiji and he will be Modiji. There is no truth to such a statement...psychologically Rahul Gandhi could be finished but Narendra Modiji is a strong leader..." https://t.co/er8VIdvT0M pic.twitter.com/kgLcNm1Def
— ANI (@ANI) September 23, 2024
पुंछ रैली में राहुल गांधी ने कहा, ''आपने देखा होगा जो पहले नरेंद्र मोदी थे. आपको उनका चेहरा दूर से दिखाई देता है. मैं तो संसद में उनके सामने खड़ा रहता हूं. साफ दिखता है कि जो पहले नरेंद्र मोदी थे. वह आज नहीं बचा है. और आज जो भी विपक्ष करवाना चाहता है. हम करवा देते हैं.''
आज जो विपक्ष चाहता है करवा देता है - राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा, ''वो कानून लाते हैं हम उनके सामने खड़े हो जाते हैं. वो कानून पास नहीं करते हैं. नया कानून लाते हैं. जो आत्मविश्वास था वो आज खत्म हो गया है. नरेंद्र मोदी जी की जो साइकोलोजी थी, उसको हमने तोड़ दिया है.'' बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई थी जिसे विपक्ष के विरोध के कारण जेपीसी को भेजना पड़ा.
राहुल गांधी ने अपनी रैली में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ''पहले जम्मू-कश्मीर के लोग अपना विधायक चुनकर अपने निर्णय लेते थे लेकिन अब एक राजा चुनाव गया है. एलजी एक राजा की तरह है और वह एक बाहरी व्यक्ति हैं. इसलिए वे वह काम नहीं कर सकते जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिल में है. उन्हें यह भी नहीं पता है कि कैसे करना है.''
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