RSS on Caste Based Census: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जातिवार जनगणना का विरोध करता है, लेकिन जातिवार जनगणना होनी चाहिए. यवतमाल में अठावले ने यह भी मांग की कि अगर आरक्षण विवाद को सुलझाना है तो आरक्षण उसी जाति को दिया जाना चाहिए जिसका प्रतिशत हो.  हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं है बल्कि मराठा समुदाय के उन गरीबों से है जिनकी आय 8 लाख से कम है. उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.


क्या बोले अठावले?
अठावले ने कहा, किस जाति की जनसंख्या का प्रतिशत कितना है यह जानना जरूरी है. मराठा समुदाय का कहना है कि वे 35 फीसदी हैं. इसी तरह अगर दूसरे समुदाय के लोगों से पूछा जाए तो वे अलग-अलग आंकड़े देते हैं. ऐसे मोटे आंकड़ें निकालें तो ये कई करोड़ में जाता है. इसलिए किस जाति का कितना प्रतिशत है, यह जानने के लिए जातिवार जनगणना करना जरूरी है. यदि आरक्षण विवाद को सुलझाना है तो जिस जाति का प्रतिशत है, उसे आरक्षण दिया जाना चाहिए. यह हमारी नई मांग है. यदि ऐसा निर्णय लिया जाता है तो जनसंख्या के आधार पर हमारा प्रतिशत 15 प्रतिशत था. उसी के आधार पर हमें 15 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. चूंकि महाराष्ट्र में हमारी आबादी 13 फीसदी है, इसलिए हमें 13 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. हमें खुशी होगी अगर अन्य समाज भी इसी राह पर चल सकें. यह स्थिति केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने स्पष्ट की.


मराठा आरक्षण पर दिया ये बयान 
जब तक जनगणना नहीं होगी तब तक ओबीसी समुदाय के सटीक आंकड़े पता नहीं चल पाएंगे. काका कालेलकर आयोग द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार देश में लगभग 52 प्रतिशत ओबीसी हैं. मैं महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग करने वाला पहला व्यक्ति था. हमारे आरक्षण को खतरे में डाले बिना मराठा समुदाय के गरीबों को आरक्षण मिलना चाहिए. आज भी सभी मराठा गांव में अमीर नहीं हैं, सभी मराठा जमींदार नहीं हैं. सभी मराठा विधायक निजी, उद्योगपति नहीं हैं. इसलिए हमारी जिद है कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी कहा कि मनोज जारांगे पाटिल की मांग सही है. 


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